GST Council की बैठक में बड़ा बदलाव: 400+ वस्तुओं पर टैक्स कटौती, लक्ज़री पर उच्च दर
नई दिल्ली।
56वीं जीएसटी परिषद की बैठक—जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं—दो दिवसीय आमने-सामने वार्ता में बदलाव की दिशा में निर्णायक कदम उठा रही है। बैठक के एजेंडे पर चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को केवल दो स्लैब (5% और 18%) में समाहित करने का प्रस्ताव है, साथ ही लक्ज़री और ‘सिन’ वस्तुओं पर 40% की विशेष दर लागू करने की योजना भी है।
कौन-कौन सी चीजें होंगी सस्ती?
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99% वस्तुएं जो वर्तमान में 12% स्लैब में हैं—जैसे गी, मिठाई, स्नैक्स—अब 5% स्लैब में शामिल होंगी।
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इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे एसी, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन पहले 28% पर टैक्स—अब 18% स्लैब में स्थानांतरित हो सकते हैं।
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टूथपेस्ट और शैम्पू जैसे पर्सनल केयर आइटमों पर टैक्स 18% से घटकर 5% हो सकता है।
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छोटी कारों पर भी टैक्स 28% से घटकर 18% करने पर विचार हो रहा है। इससे मारुति, टोयोटा, सुजुकी जैसे ऑटो ब्रांड लाभान्वित होंगे।
क्या महंगी हो सकती हैं कुछ वस्तुएं?
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लक्ज़री और ‘सिन’ वस्तुओं, जैसे महंगी कारें, सिगरेट, पान मसाला आदि पर 40% टैक्स प्रस्तावित किया जा रहा है।
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प्रीमियम कपड़े (₹2,500 से अधिक कीमत) पर टैक्स बढ़ाकर 18% किया जा सकता है।
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बिजनेस और प्रीमियम क्लास फ्लाइट टिकट पर टैक्स बढ़ने की संभावना भी है।
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उच्च मूल्य वाले ईवीs (₹20 लाख से ऊपर) पर भी बढ़ा हुआ टैक्स प्रस्तावित है।
स्लैब रीफॉर्म क्यों महत्वपूर्ण?
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प्रस्तावित बदलावों से GST दरों का सरलीकरण और पारदर्शिता आएगी।
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इसके साथ उपभोक्ता वस्तुओं पर खरीदारी सस्ती, और खपत में वृद्धि की उम्मीद है—विशेषकर दीवाली जैसे त्योहारों के समय।
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अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, इस बदलाव से लगभग $21 बिलियन (₹1.6–2 लाख करोड़) जीएसटी राजस्व की कमी हो सकती है—इसमें राज्यों का हिस्सा अधिक होगा।
राज्यों का रुख और राजस्व सुरक्षा
विपक्ष शासित राज्यों ने बैठक से पहले राजस्व हानि के मुआवजे की मांग की है। वे चाहते हैं कि केंद्र कोई नया प्रावधान लाए, जिससे राजस्व गिरावट की भरपाई हो सके।
कुछ राज्यों ने सुझाव दिया है कि सिन एवं लक्ज़री वस्तुओं पर अतिरिक्त सीस (cess) जारी रहे, ताकि राजस्व में कमी की भरपाई हो सके।