राजस्थान विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, स्मार्ट मीटर योजना और जहरीले पानी पर वॉकआउट
जयपुर।
राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को कांग्रेस ने सरकार को स्मार्ट मीटर योजना में कथित अनियमितताओं और पंजाब से आ रहे जहरीले पानी के मुद्दे पर घेरते हुए सदन से वॉकआउट किया। इसके साथ ही झालावाड़ स्कूल हादसे में मृत बच्चों को श्रद्धांजलि न दिए जाने के विरोध में विपक्ष ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन भी किया।
स्मार्ट मीटर योजना पर उठा सवाल, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने प्रश्नकाल के दौरान स्मार्ट मीटर योजना में टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि टेंडर ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को दिए गए और प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रखी गई।
इसके जवाब में ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि यह योजना 2023 में पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बिना कैबिनेट बैठक के केवल सर्कुलर के माध्यम से लागू की गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि टेंडर प्रक्रिया नियमानुसार हुई और किसी ब्लैकलिस्टेड कंपनी को टेंडर नहीं दिया गया। साथ ही यह भी बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को स्वतंत्रता दी है।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस विधायकों ने सदन में नारेबाजी की और वॉकआउट कर दिया।
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जहरीले पानी का मुद्दा भी बना तनाव का कारण
कांग्रेस विधायक डूंगरराम गेदर ने पंजाब से राजस्थान आने वाली नहरों में प्रदूषित और जहरीले पानी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की फसलें और आमजन की सेहत पर असर पड़ रहा है।
विधायक के कुछ सवालों का जवाब न मिलने पर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर आपत्ति जताई। इस पर स्पीकर ने कहा कि प्रश्नों की अनुमति देना उनका विशेषाधिकार है। लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से विरोध जताया गया कि स्पीकर के निर्णय को चुनौती नहीं दी जा सकती।
इस दौरान सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया।
झालावाड़ हादसे पर श्रद्धांजलि नहीं देने से नाराज विपक्ष
हाल ही में झालावाड़ जिले के एक सरकारी स्कूल में हुए हादसे में कई बच्चों की मौत हो गई थी। कांग्रेस ने सदन में उनके लिए श्रद्धांजलि न दिए जाने को गंभीर असंवेदनशीलता बताया।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, सचिन पायलट, हरीश चौधरी सहित कांग्रेस के सभी विधायक काली पट्टी बांधकर सदन पहुंचे और विधानसभा के मुख्य प्रवेश द्वार पर धरना-प्रदर्शन किया।
टीकाराम जूली ने कहा:
“सरकार की संवेदनहीनता देखिए, बच्चों की मौत पर एक शब्द नहीं कहा गया। इसलिए हम उन्हें यहां श्रद्धांजलि दे रहे हैं।”