छतरगढ़ निवासी युवक ने बहन-बहनोई पर लगाया प्लॉट हड़पने का आरोप, न्याय न मिलने पर मांगी इच्छा मृत्यु
बीकानेर।
राजस्थान के बीकानेर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां छतरगढ़ निवासी एक युवक ने अपनी ही बहन, बहनोई, भांजे और जवाई पर धोखाधड़ी कर 2691 वर्गफुट का भूखण्ड हड़पने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित का दावा है कि वह पिछले डेढ़ साल से न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है, लेकिन पुलिस की कथित लापरवाही और आरोपियों के राजनीतिक रसूख के कारण अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
अदालत पहुंचा मामला, पुलिस पर गंभीर आरोप
परिवादी सुनील कुमार लेघा ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पीसीपीएनडीटी एक्ट कोर्ट) में धारा 420, 417, 467, 468, 474 व 120B के तहत इस्तगासा दायर किया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआई रणवीर सिंह को जांच सौंपी है। हालांकि, पीड़ित का आरोप है कि बीछवाल पुलिस द्वारा अब तक मामले को जानबूझकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
मानसिक रूप से अस्वस्थ पत्नी से फर्जी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए
सुनील कुमार के अनुसार, उन्होंने 2007 में बीकानेर की मदन विहार कॉलोनी में भूखण्ड संख्या 3B-104 खरीदा था। दस्तावेज़ खो जाने पर उन्होंने वह प्लॉट अपनी पत्नी सुमन गोदारा के नाम गिफ्ट डीड करवाया। आरोप है कि पत्नी की अनपढ़ता और मानसिक अस्वस्थता का फायदा उठाकर बहनोई रामकिशन कस्वां, बहन सुशीला देवी, भांजा पंकज कस्वां और जवाई वीरेंद्र चौधरी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर, नशे में हस्ताक्षर करवाए।
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सुनील का दावा है कि गवाह भी स्वतंत्र नहीं थे, बल्कि उनके अपने ही परिजन (बेटा व जवाई) थे। उनका कहना है, “अगर गिफ्ट डीड असली थी, तो फिर मामला अदालत तक क्यों पहुंचता? मेरे पास आज भी असली रजिस्ट्री मौजूद है।”
राजनीतिक दबाव का आरोप, हाईकोर्ट आदेश की भी अनदेखी
परिवादी ने बताया कि 2 जुलाई 2024 को बीछवाल थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी और 11 जुलाई को एसपी को भी सूचित किया गया। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि थानाधिकारी पर राजनीतिक दबाव है, जिसके चलते अब एफआईआर में एफआर (Final Report) लगाने की तैयारी की जा रही है।
सुनील का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, और सभी अहम तथ्यों को नजरअंदाज कर उन्हें न्याय से वंचित किया जा रहा है।
राष्ट्रपति तक भेजी चिट्ठी, इच्छा मृत्यु की मांग
सुनील कुमार ने न्याय की आस में राजस्थान सम्पर्क पोर्टल, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक को ज्ञापन भेजे, लेकिन कहीं से राहत नहीं मिली। उन्होंने हताश होकर आत्महत्या का प्रयास भी किया और अब इच्छा मृत्यु की आधिकारिक मांग कर चुके हैं।
पहले भी आरोपों से घिरा रहा है परिवार
परिवादी का दावा है कि बहनोई रामकिशन पर पहले भी पिता के फर्जी हस्ताक्षर से संपत्ति हड़पने और बिजली चोरी जैसे मामले दर्ज हैं। समाज में यह चर्चा का विषय बन चुका है कि रिश्तेदारों की मिलीभगत से संपत्ति हथियाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और आम आदमी कई साल तक भटकने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाता है।