राजस्थान में विधानसभा सत्र के दौरान शिक्षा विभाग कर्मियों के मुख्यालय छोड़ने पर लगी रोक, अवकाश भी रद्द
जयपुर।
राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने एक बड़ा और कड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया है। विधानसभा के मानसून सत्र के चलते राज्य के सभी शिक्षा अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे और न ही उन्हें किसी भी प्रकार का अवकाश मंजूर किया जाएगा। यह निर्देश शिक्षा निदेशक सीताराम जाट द्वारा जारी किया गया है।
शासन स्तर पर यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि विधानसभा सत्र के दौरान शिक्षा विभाग से जुड़े सभी प्रश्नों, प्रस्तावों और फाइलों पर समय रहते सटीक उत्तर उपलब्ध कराए जा सकें।
सख्त निर्देश : बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ा तो होगी कार्रवाई
शिक्षा निदेशक के आदेश के मुताबिक, यदि किसी संयुक्त निदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी या बीईईओ को किसी विशेष कारण से मुख्यालय छोड़ना आवश्यक हो, तो इसके लिए उन्हें पूर्व अनुमति अनिवार्य रूप से निदेशालय से लेनी होगी।
- Advertisement -
बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने या अवकाश लेने पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी आदेश में दी गई है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों द्वारा शिक्षा विभाग से संबंधित कई मुद्दों को उठाया जाना संभावित है।
समय पर जवाब देना अनिवार्य, हर स्तर पर रहेगी निगरानी
विधानसभा सत्र के दौरान शिक्षा विभाग से जुड़े प्रश्नोत्तर, सूचनाएं, कार्रवाई रिपोर्ट्स आदि का उत्तर समय पर और सटीक रूप से देने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों पर डाली गई है।
शिक्षा निदेशक ने कहा है कि यदि किसी स्तर पर लापरवाही या देरी पाई जाती है, तो इसे कार्यक्षमता में ढिलाई मानते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सत्र समाप्ति तक आदेश प्रभावी रहेगा
यह आदेश विधानसभा सत्र की समाप्ति तक प्रभावी रहेगा, और तब तक सभी अधिकारी-कर्मचारियों को मुख्यालय पर हाजिर रहना अनिवार्य होगा। यह कदम सरकार के उस प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत विधानसभा सत्र के दौरान निरंतर और प्रभावी जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है।