UPI का अगस्त में ऐतिहासिक रिकॉर्ड: 20 अरब से अधिक लेनदेन, ₹24.85 लाख करोड़ का ट्रांजैक्शन
नई दिल्ली | 1 सितंबर 2025
डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अगस्त 2025 में पहली बार UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने 20 अरब लेनदेन का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस महीने कुल ₹24.85 लाख करोड़ का डिजिटल लेनदेन हुआ।
यह आंकड़ा सिर्फ संख्या में ही नहीं, बल्कि डिजिटल इंडिया की दिशा में भारत की प्रगति का भी संकेत है।
महत्वपूर्ण आँकड़े और तुलनात्मक विश्लेषण
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कुल लेनदेन (अगस्त 2025): 20.01 अरब
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लेनदेन मूल्य: ₹24.85 लाख करोड़
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जुलाई 2025 में लेनदेन: 19.47 अरब
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मासिक वृद्धि दर: 2.8%
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वार्षिक आधार पर वृद्धि: 34%
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दैनिक औसत ट्रांजैक्शन (अगस्त): 64.5 करोड़
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दैनिक औसत ट्रांजैक्शन मूल्य: ₹80,177 करोड़
2 अगस्त: एक दिन में 70 करोड़ से अधिक UPI ट्रांजैक्शन
NPCI के मुताबिक, 2 अगस्त 2025 को एक दिन में 70 करोड़ से अधिक लेनदेन दर्ज किए गए, जो अब तक की सबसे बड़ी दैनिक संख्या में से एक है। यह उपलब्धि रियल मनी गेमिंग पर प्रतिबंध के बावजूद हासिल की गई, जिससे यह साफ है कि UPI का उपयोग अब सिर्फ गेमिंग या मर्चेंट पेमेंट तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह व्यापक रूप से रोजमर्रा के भुगतानों का हिस्सा बन चुका है।
राज्यवार प्रदर्शन: महाराष्ट्र बना UPI का हब
SBI रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार:
राज्य | UPI ट्रांजैक्शन हिस्सेदारी (जुलाई 2025) |
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महाराष्ट्र | 9.8% |
कर्नाटक | 5.5% |
उत्तर प्रदेश | 5.3% |
महाराष्ट्र लगातार डिजिटल भुगतान में देश का नेतृत्व करता आ रहा है। खास बात यह है कि पीयर-टू-मर्चेंट (P2M) लेनदेन में भी तेजी से वृद्धि देखी गई है — जून 2020 में मात्र 13% से बढ़कर जुलाई 2025 में 29% तक पहुंच गई है।
UPI बनाम कैश: डिजिटल अब आगे
NPCI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत में अब डिजिटल लेनदेन की गति कैश इन सर्कुलेशन (CIC) से कहीं अधिक हो गई है:
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मासिक औसत UPI ट्रांजैक्शन मूल्य: ₹24,554 अरब
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मासिक औसत CIC वृद्धि (अप्रैल-जुलाई 2025): ₹193 अरब
यह अंतर दर्शाता है कि भारत अब ‘कैशलेस अर्थव्यवस्था’ की ओर मजबूती से बढ़ रहा है और आम जनता में डिजिटल भुगतान का भरोसा दिन-ब-दिन बढ़ रहा है।