1 सितंबर से सस्ता हुआ कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर, रेस्टोरेंट और ढाबा व्यवसाय को राहत
राजस्थान में सितंबर महीने की शुरुआत व्यापारियों और होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर लेकर आई है। पेट्रोलियम कंपनियों — हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और इंडियन ऑयल (IOCL) — ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में 51 रुपए की कटौती की है। इस निर्णय से खासकर उन कारोबारियों को राहत मिलेगी जो गैस पर आधारित सेवाओं जैसे होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट और कैटरिंग का संचालन करते हैं।
जयपुर में अब 19 किलो सिलेंडर की नई कीमत 1608.50 रुपए
1 सितंबर से लागू इस संशोधित दर के बाद अब 19 किलो वाला कमर्शियल सिलेंडर जयपुर में 1659.50 रुपए की बजाय 1608.50 रुपए में उपलब्ध होगा। यह बदलाव सीधे तौर पर उन कारोबारियों की लागत को प्रभावित करेगा जो बड़े पैमाने पर एलपीजी का उपयोग करते हैं।
घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए कोई बदलाव नहीं
हालांकि इस बार घरेलू रसोई गैस सिलेंडर (14.2 किलो) की कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है। यानी आम उपभोक्ताओं को घरेलू गैस सस्ती होने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। फिलहाल राहत सिर्फ कमर्शियल श्रेणी में दी गई है।
- Advertisement -
साल 2025 में अब तक 7 बार घटे दाम
यह इस साल का सातवां मौका है जब पेट्रोलियम कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती की है। इससे पहले भी कंपनियों ने लागत में कमी और वैश्विक बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए कई बार सिलेंडर सस्ता किया है।
इस ट्रेंड से संकेत मिलता है कि कंपनियां व्यवसायिक उपभोक्ताओं को राहत देने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही हैं। खासकर खाद्य और पेय उद्योग से जुड़ी इकाइयों को इससे आर्थिक रूप से लाभ मिल रहा है।
क्या है इस बदलाव का व्यापक असर?
-
खाद्य उद्योग को राहत: रेस्टोरेंट, कैफे, ढाबा, कैटरिंग और स्ट्रीट फूड वेंडर्स की परिचालन लागत कम होगी।
-
संभावित रेट पास-ऑन: यदि राहत लगातार मिलती रही, तो उपभोक्ताओं को भी भोजन और सेवा की दरों में गिरावट का लाभ मिल सकता है।
-
बिजनेस कॉम्पिटिटिवनेस में इजाफा: खासकर छोटे व्यापारियों को अपनी प्रतिस्पर्धा बनाए रखने में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में ताजा कटौती उन व्यापारिक इकाइयों के लिए राहत लेकर आई है जो रोजमर्रा की सेवाओं में एलपीजी का बड़े पैमाने पर उपयोग करते हैं। घरेलू गैस की दरों में बदलाव न होने के बावजूद, कमर्शियल उपयोगकर्ताओं को मिलने वाली यह छूट बाजार में स्थिरता और सेवा दरों में संतुलन बनाए रखने में सहायक हो सकती है।