राजस्थान SI भर्ती परीक्षा 2021: माफिया, तस्कर और भ्रष्ट तंत्र की साजिश का खुलासा
जयपुर/अजमेर: राजस्थान की प्रतिष्ठित सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा 2021 एक संगठित अपराध की भेंट चढ़ गई, जहां तस्करों, भूमाफिया, और अपराधियों की मिलीभगत से न केवल परीक्षा का पेपर लीक हुआ बल्कि उन्हीं के रिश्तेदार थानेदार बन गए। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की जांच में सामने आया कि इस भर्ती घोटाले में RPSC के कुछ अधिकारी, पेपर माफिया, पुलिसकर्मी और संगठित अपराधी शामिल रहे।
मादक पदार्थ तस्करों ने बनाए थानेदार
SOG के अनुसार, कुख्यात तस्कर भागीरथ बिश्नोई ने अपने बेटे और बेटी को पहले से लीक पेपर दिलवाकर थानेदार बना दिया। कुड़ी भगतासनी थाने के हिस्ट्रीशीटर श्रवणराम बाबल ने अपनी बेटी चंचल और अन्य रिश्तेदारों के लिए पेपर खरीदा। चंचल सहित कई अभ्यर्थियों को SOG ने गिरफ्तार किया।
इसी तरह, जयपुर में ओमप्रकाश फौजी ने किराए पर फ्लैट लेकर 24 अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाया। SOG ने उसे गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर कई थानेदारों को भी दबोचा।
परीक्षा के टॉपरों पर गहराया संदेह
तीन दिन में आयोजित परीक्षा में कुल टॉप 300 रैंक में से 13 सितंबर को 35, 14 सितंबर को 97, और 15 सितंबर को 168 टॉपर बने। इनमें से कई को गिरफ्तार किया गया। पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, टॉप 20 में शामिल 10 अभ्यर्थी जेल की हवा खा चुके हैं, जबकि चार की भूमिका की जांच की जा रही है।
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भूमाफिया, आरपीएससी सदस्य और शिक्षक भी शामिल
SOG की जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ अभ्यर्थियों को पेपर RPSC के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा, कुछ को शिक्षक और कुछ को सीधे तस्करों से मिला। गिरोह के सदस्यों ने मोटी रकम लेकर पेपर की खरीद-फरोख्त की, जिससे कई अपराधियों के रिश्तेदार पुलिस की नौकरी पा गए।
फरार हैं दो मुख्य आरोपी: सुरेश ढाका और यूनिक भांभू
घोटाले के दो मुख्य आरोपी सुरेश ढाका और यूनिक भांभू अभी फरार हैं। यूनिक भांभू, जो पेपर को हसनपुरा स्थित रवींद्र बाल भारती स्कूल से बाहर पहुंचाता था, के बारे में आशंका है कि वह विदेश भाग गया है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद घोटाले में और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
RPSC की लगातार किरकिरी
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) पर यह कोई पहला सवाल नहीं है।
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RAS 2013 में भी पेपर लीक हुआ था, जिसमें तत्कालीन चेयरमैन हबीब खान गौरान को सफाई देनी पड़ी।
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RAS 2018 के साक्षात्कार में सज्जनसिंह गुर्जर को एक लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया।
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वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2022 में बाबूलाल कटारा और उनके भांजे को गिरफ्तार किया गया था।
अब तक 123 गिरफ्तार, और गिरफ्तारी की आशंका
अब तक SOG द्वारा 55 सब-इंस्पेक्टर सहित 123 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सुरेश ढाका और यूनिक भांभू की गिरफ्तारी के बाद यह संख्या और बढ़ने की आशंका है।
निष्कर्ष: पुलिस व्यवस्था पर गहरा सवाल
इस घोटाले ने न सिर्फ भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि अगर अपराधी ही कानून के रक्षक बन जाएं, तो आमजन की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था का क्या होगा। अब जरूरत है कठोर कार्रवाई, पारदर्शी भर्ती व्यवस्था और दोषियों को सख्त सजा देने की, ताकि भविष्य में कोई ऐसी हिम्मत न कर सके।