बीकानेर। जिले में चोरी की घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आमजन में भय और असुरक्षा का माहौल गहराता जा रहा है। हर दिन तीन से चार बड़ी चोरी की वारदातें सामने आ रही हैं, लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं कि इतने गंभीर मामलों के बावजूद ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।
सरकारी क्वार्टर में सेंधमारी, घरेलू सामान पार
बीछवाल थाना क्षेत्र स्थित आईजीएनपी कॉलोनी में एक सरकारी क्वार्टर को चोरों ने निशाना बनाया। इस संबंध में रानी पुत्री ढालचंद, निवासी नवलगढ़ (हाल पदस्थापित एईएन, मुख्य अभियंता कार्यालय, आईजीएनपी बीकानेर) ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
रिपोर्ट के अनुसार, 15 अगस्त की शाम से 17 अगस्त के बीच क्वार्टर नंबर 3/4 में अज्ञात व्यक्ति ने प्रवेश कर महत्वपूर्ण घरेलू सामान की चोरी की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कुदसू गांव में जेवर और नकदी पर हाथ साफ
दूसरी बड़ी चोरी की घटना पांचू थाना क्षेत्र के कुदसू गांव में सामने आई है। यहां हरीराम पुत्र मोहनराम बिश्नोई ने पुलिस में रिपोर्ट दी है कि 27 अगस्त की रात अज्ञात चोर उनके व उनके भाई के मकान में घुसे और संदूक व आलमारी के ताले तोड़कर नकदी और जेवर चुरा ले गए।
परिवार को इस चोरी से काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।
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लोगों में असुरक्षा का माहौल, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
लगातार हो रही चोरियों को लेकर आमजन में रोष है। नागरिकों का कहना है कि यदि हर दिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं तो पुलिस गश्त, निगरानी व खुफिया तंत्र आखिर क्या कर रहा है? लोग दिन-रात अपनी संपत्ति को लेकर चिंतित हैं।
चोरी की बढ़ती घटनाओं पर प्रशासन की चुप्पी
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जिला प्रशासन व पुलिस को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि चोरियों की बढ़ती संख्या बीकानेर को असुरक्षित बना रही है। रात के समय गश्त को सख्त, संदिग्ध गतिविधियों पर तत्काल कार्रवाई, और सीसीटीवी नेटवर्क को मजबूत करने की मांग की जा रही है।
निष्कर्ष:
चोरी की ये घटनाएं केवल पुलिस थानों में दर्ज होने तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इन पर माकूल कार्रवाई और रोकथाम की रणनीति बनाकर नागरिकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाना समय की मांग है।