बीकानेर जेल में सुरक्षा पर सवाल, कैदी ने जेल के अंदर से बनाया वीडियो, इंस्टाग्राम पर डाला
बीकानेर, 27 अगस्त 2025:
राजस्थान के बीकानेर स्थित केन्द्रीय कारागार की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बीछवाल थाना क्षेत्र स्थित इस जेल में एक कैदी द्वारा जेल के अंदर से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का मामला सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 24 अगस्त 2025 को इंस्टाग्राम पर ‘बीकानेर जेल दर्शन कर लो’ कैप्शन के साथ एक वीडियो अपलोड किया गया। वीडियो में एक युवक खुद को जेल के अंदर बताते हुए आसपास के दृश्य दिखाता है और फिर कैमरे की ओर अपना चेहरा भी दिखाता है।
इस मामले में जेल प्रहरी धर्माराम की शिकायत पर राममेहर उर्फ धोलू निवासी हांसी, हरियाणा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोपी वर्तमान में केन्द्रीय कारागार बीकानेर में बंद है। शिकायतकर्ता ने बताया कि यह वीडियो सीधे जेल परिसर के अंदर से बनाया गया था, जो कि कारागार अधिनियम का उल्लंघन है।
जेल की सुरक्षा पहले भी सवालों में रही
बीकानेर केन्द्रीय कारागार में इससे पहले भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर खामियां उजागर होती रही हैं।
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कई बार मोबाइल फोन मिलने की घटनाएं हो चुकी हैं।
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एक मामले में जेल से मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी तक दी गई थी।
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सुरक्षा जांचों के बावजूद मोबाइल जैसे प्रतिबंधित उपकरण जेल में पहुंच रहे हैं, जो कि जेल प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं।
क्या है कानून की स्थिति?
जेल मैनुअल और भारतीय कारागार अधिनियम के अनुसार, किसी भी कैदी को
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मोबाइल फोन रखना
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इंटरनेट या सोशल मीडिया का उपयोग करना
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जेल के अंदर का कोई भी दृश्य रिकॉर्ड कर पब्लिक करना
कठोर अपराध माना जाता है।
इन मामलों में जेल प्रशासन के साथ-साथ पुलिस को भी कानूनी कार्रवाई करनी होती है, जिसमें अतिरिक्त धाराएं जोड़ी जा सकती हैं, जैसे:
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भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन)
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सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराएं
प्रशासन की प्रतिक्रिया
अब तक की जानकारी के अनुसार,
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जांच शुरू कर दी गई है।
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वीडियो में दिख रहे युवक की पहचान हो चुकी है।
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वीडियो बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन किसके पास और कैसे पहुंचा, इसकी जांच की जा रही है।
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जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई संभव है।
निष्कर्ष: जेलों की डिजिटल निगरानी प्रणाली की जरूरत
बीकानेर की यह घटना कोई पहली नहीं है। यह दर्शाता है कि राजस्थान समेत देशभर की जेलों को अब उच्च स्तरीय डिजिटल निगरानी, जैसे कि
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मोबाइल जैमर
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CCTV की रियल टाइम निगरानी
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कैदियों के अचानक निरीक्षण
जैसी व्यवस्थाओं की तत्काल जरूरत है।
यदि समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसे मामले न केवल जेल की साख को प्रभावित करेंगे, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकते हैं।