गजनेर पुल पर सीवरेज संकट, मिसमैनेजमेंट से शहरवासी परेशान, सड़क बनी जानलेवा
बीकानेर। गजनेर रोड पुल के पास सीवरेज लाइन की डी-सिल्टिंग को लेकर शुरू किया गया कार्य अब शहरवासियों के लिए मुसीबत का कारण बन चुका है। यह समस्या ना केवल यातायात में बाधा बन रही है, बल्कि सड़क पर बह रहे गंदे पानी के कारण दुपहिया वाहन चालकों की जान भी जोखिम में है।
यह पूरा मामला नगर निगम और ठेका कंपनी के मिसमैनेजमेंट का नतीजा है, जिन्होंने न तो मौसम का आकलन किया और न ही काम शुरू करने के लिए उपयुक्त समय चुना।
बिना प्लानिंग के शुरू हुआ काम, सड़क बनी दलदल
गजनेर पुल पर वर्षों पुरानी सीवरेज लाइन में जाम और ओवरफ्लो की समस्या बनी हुई थी। इसे दूर करने के लिए अमृत 2.0 योजना के तहत नगर निगम ने टेक्नोक्राफ्ट वेंचर लिमिटेड को डी-सिल्टिंग कार्य का टेंडर दिया था। करोड़ों रुपये के इस प्रोजेक्ट में शहरभर में सीवरेज की सफाई की जानी है।
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लेकिन, गजनेर पुल के पास काम की शुरुआत में ही बिना सीवरेज को डायवर्ट किए, पुरानी लाइन को पंचर कर दिया गया, जिससे गंदा पानी सीधे सड़क पर बहने लगा।
पानी को रोकने के लिए अंतिम क्षणों में पांच पंप लगाए गए हैं, जो लगातार सीवरेज का पानी बाहर निकाल रहे हैं। परंतु इससे कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है।
दिनभर लगता है जाम, आधा घंटा अधिक समय लग रहा लोगों को
गजनेर रोड बीकानेर की मुख्य सड़कों में से एक है, जहां दिन-रात हजारों वाहन गुजरते हैं। अब इस सड़क पर जाम रोजमर्रा की समस्या बन चुकी है।
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लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में कम से कम 30 मिनट अतिरिक्त समय लग रहा है।
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दुपहिया चालकों के लिए यह सड़क अब फिसलन भरी और जानलेवा बन चुकी है।
स्थानीय लोगों और व्यापारियों का कहना है कि अगर समय पर इस काम की प्लानिंग की जाती, तो आज सड़क पर यह स्थिति नहीं होती।
पारदर्शिता और तकनीकी निगरानी का अभाव
स्थानीय प्रशासन ने अमृत योजना के तहत करोड़ों का प्रोजेक्ट तो शुरू करवा दिया, लेकिन
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न तो स्थानीय ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था की गई
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और न ही काम की तकनीकी निगरानी सुनिश्चित की गई।
सीवरेज का पानी बार-बार सड़क पर आ रहा है और पूरे इलाके में दुर्गंध फैल रही है। आसपास के दुकानदारों का धंधा ठप हो गया है।
निगम और कंपनी दोनों जिम्मेदार, जनता भुगत रही सजा
साफ है कि नगर निगम की निगरानी विफल रही और ठेका कंपनी ने बिना तकनीकी समझ के जल्दबाजी में काम शुरू किया।
इसका खामियाजा अब आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि:
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सीवरेज कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए
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सड़क की मरम्मत कर यातायात सुचारू किया जाए
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और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
निष्कर्ष:
गजनेर पुल पर सीवरेज कार्य का यह संकट बीकानेर शहर के बुनियादी ढांचे और प्रबंधन में खामियों को उजागर करता है। समय पर नियोजन और तकनीकी निगरानी के अभाव में सार्वजनिक सुविधाएं परेशानियों में बदल रही हैं, जिससे जनता का विश्वास और धैर्य दोनों टूट रहा है।