राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला: राजस्व अदालतों में सरकारी वकीलों की फीस तीन गुना तक बढ़ी
राजस्थान में राजस्व अदालतों में सरकार की ओर से मुकदमे लड़ने वाले सरकारी वकीलों को अब पहले से तीन गुना तक अधिक रिटेनरशिप फीस मिलेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंजूरी के बाद राजस्व विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। बढ़ी हुई फीस एक सितंबर 2025 से लागू होगी।
इस निर्णय से रेवेन्यू बोर्ड अजमेर से लेकर जिला स्तर तक के वकीलों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। फीस के साथ-साथ मुकदमे से जुड़े कागजात तैयार करने, टाइपिंग, फोटोकॉपी, ड्राफ्टिंग और अन्य मदों में भी भुगतान बढ़ाया गया है।
राजस्व अदालतों में वकीलों की फीस श्रेणियों के अनुसार तय
रेवेन्यू बोर्ड, अजमेर:
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स्टेट एडवोकेट: ₹11,250 प्रतिमाह
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एडिशनल स्टेट एडवोकेट: ₹10,200 प्रतिमाह
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डिप्टी स्टेट एडवोकेट: ₹9,000 प्रतिमाह
संभागीय आयुक्त और एडीएम कोर्ट:
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सरकारी वकीलों को: ₹6,000 प्रतिमाह
कलेक्टर कोर्ट – जिलेवार विभाजन:
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₹6,000 प्रतिमाह:
जयपुर, जोधपुर, नागौर, पाली, श्रीगंगानगर, भरतपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, अलवर, उदयपुर -
₹4,500 प्रतिमाह:
बूंदी, टोंक, सीकर, झालावाड़, जालोर, सिरोही, झुंझुनूं, दौसा, बारां, राजसमंद -
₹3,000 प्रतिमाह:
बीकानेर, चूरू, बाड़मेर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, धौलपुर, जैसलमेर, हनुमानगढ़, करौली
राजस्व अपीलीय प्राधिकारी और कैम्प कोर्ट:
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रिटेनरशिप फीस: ₹3,000 प्रतिमाह
अन्य कानूनी कार्यों की दरें भी बढ़ाई गईं
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टाइपिंग: ₹25 प्रति पृष्ठ
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फोटोकॉपी: ₹2 प्रति पृष्ठ
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ड्राफ्टिंग/जवाबदावा: ₹700
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सत्यापन: ₹100 प्रति सर्टिफिकेट
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स्टेशनरी व फाइल कवर: ₹60
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अन्य खर्चे: ₹200
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अधिवक्ता कल्याण कोष: ₹200
सरकारी वकीलों को मिलेगा सीधा लाभ
सरकार के इस फैसले से लंबे समय से फीस वृद्धि की मांग कर रहे वकीलों को राहत मिली है। रिटेनरशिप फीस में इस तीन गुना तक की वृद्धि से उनकी वित्तीय स्थिति सुदृढ़ होगी और वे राजस्व मामलों में बेहतर तैयारी और संसाधनों के साथ काम कर सकेंगे।