असुरक्षित सरकारी भवनों का सर्वे शुरू, सार्वजनिक निर्माण विभाग लगा रहा चेतावनी बोर्ड
बीकानेर समेत पूरे राजस्थान में जर्जर और असुरक्षित सरकारी भवनों को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। सार्वजनिक निर्माण विभाग (सानिवि) ने ऐसे भवनों की पहचान और सर्वे का कार्य प्रारंभ किया है, जो अब उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं रहे। विभाग ने कई दशकों पुराने सरकारी भवनों को चिह्नित कर उन पर चेतावनी बोर्ड लगाने का अभियान शुरू कर दिया है। इन बोर्ड पर साफ तौर पर लिखा गया है — “यह भवन असुरक्षित है, कृपया दूर रहें”।
बारिश से खतरा बढ़ा
मानसून के दौरान हर साल कुछ पुराने भवन ढह जाते हैं, जिससे जनहानि की आशंका बनी रहती है। ऐसे में नगर निगम की ओर से पहले से ही निजी जर्जर भवनों को नोटिस दिया जा रहा है। अब सानिवि ने सरकारी भवनों के लिए भी कदम उठाया है।
सर्वे की शुरुआत पीबीएम अस्पताल से
सरकारी भवनों की स्थिति की जांच की शुरुआत बीकानेर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीबीएम और मेडिकल कॉलेज से की गई है। प्रथम चरण में भवनों की छतों की सफाई के निर्देश भी संबंधित प्रशासन को जारी किए गए हैं।
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जिम्मेदार अधिकारियों की टीम
सर्वे कार्य का नेतृत्व सिटी डिविजन के अधिशाषी अभियंता डॉ. विमल कुमार गहलोत कर रहे हैं। उनके साथ सहायक अभियंता विनोद तंवर और कनिष्ठ अभियंता राजेश नैण सर्वे टीम में शामिल हैं।
बजट की मांग और मरम्मत की योजना
डॉ. गहलोत के अनुसार जर्जर भवनों की सूची तैयार कर ली गई है और जो भवन मरम्मत योग्य हैं, उनके लिए विभागीय बजट की मांग की गई है। नोटिस और चेतावनी बोर्ड लगाने के साथ-साथ, आगामी चरणों में आवश्यक भवनों के जीर्णोद्धार की कार्यवाही भी प्रस्तावित है।
उद्देश्य — जन सुरक्षा
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है जनता को ऐसे असुरक्षित भवनों के बारे में जानकारी देना और संभावित दुर्घटनाओं से बचाव करना। विभाग का यह प्रयास न केवल सुरक्षा की दिशा में एक आवश्यक कदम है, बल्कि प्रशासनिक सजगता का भी प्रमाण है।