देशभर में स्कूली बच्चों में बढ़ रही हिंसा, दो राज्यों से चौंकाने वाली घटनाएं सामने आईं
नई दिल्ली: देश के अलग-अलग हिस्सों से स्कूली बच्चों में बढ़ती हिंसा की गंभीर घटनाएं सामने आ रही हैं। गुजरात के अहमदाबाद में एक आठवीं कक्षा के छात्र ने दसवीं के छात्र की चाकू मारकर हत्या कर दी, जबकि मध्य प्रदेश में एक छात्र ने महिला शिक्षक पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इन घटनाओं ने न केवल समाज को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि स्कूलों में सुरक्षा और बच्चों की मानसिक स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
अहमदाबाद: स्कूल गेट के बाहर छात्र की हत्या
मंगलवार को अहमदाबाद के एक स्कूल के बाहर 16 वर्षीय छात्र ने 15 वर्षीय छात्र पर चाकू से हमला कर दिया। हमले के बाद घायल छात्र को निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां बुधवार तड़के उसकी मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि यह हमला एक सप्ताह पहले छात्रों के बीच हुए झगड़े का नतीजा था।
बुधवार दोपहर, गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने मृतक छात्र का शव स्कूल के गेट के बाहर रखकर प्रदर्शन किया। आरोपी और मृतक छात्र अलग-अलग समुदायों से थे, जिससे मामला और तनावपूर्ण हो गया। विहिप और बजरंग दल के सदस्यों ने भी प्रदर्शन में भाग लिया, और हालात उस समय बिगड़ गए जब भीड़ ने स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और शिक्षकों पर हमला कर दिया।
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स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर इस घटना पर जवाब मांगा है। प्रदर्शनकारियों की मांग पर अब क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच करेगी।
मध्य प्रदेश: छात्र ने शिक्षिका को जलाया
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एक और गंभीर घटना सामने आई। 18 वर्षीय सूर्यांश कोचर ने अपनी पूर्व शिक्षिका पर पेट्रोल डालकर उन्हें आग के हवाले कर दिया। घटना उस समय हुई जब शिक्षिका अपने घर पर थीं। आरोपी वहां पेट्रोल से भरी बोतल लेकर पहुंचा और बिना किसी चेतावनी के हमला कर दिया।
पुलिस के अनुसार, आरोपी छात्र को शिक्षिका से एकतरफा लगाव था। हाल ही में शिक्षिका ने उसकी हरकतों की शिकायत की थी, जिससे नाराज होकर उसने यह कदम उठाया। घटना के बाद आरोपी फरार हो गया, लेकिन जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पीड़ित शिक्षिका 10-15 प्रतिशत तक झुलस गई हैं और फिलहाल जिला अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत स्थिर है और उन्हें खतरे से बाहर बताया जा रहा है।
सवालों के घेरे में स्कूलों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य
इन दोनों घटनाओं ने शिक्षा प्रणाली में बढ़ती हिंसा और छात्रों की मानसिक स्थिति को लेकर चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की काउंसलिंग, स्कूलों में अनुशासन और सामाजिक मूल्यों को फिर से मजबूत करने की आवश्यकता है।