मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू, 30 हजार सीटों पर होगा प्रवेश
जयपुर: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत वर्ष 2025-26 के लिए पात्र विद्यार्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। अंतिम तिथि 14 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है।
संयुक्त निदेशक एल. डी. पंवार ने जानकारी दी कि इच्छुक अभ्यर्थी एसएसओ पोर्टल (https://sso.rajasthan.gov.in) के माध्यम से एसजेएमएस एसएमएस एप पर आवेदन कर सकते हैं।
योजना का उद्देश्य और लाभ
इस योजना का उद्देश्य सामाजिक रूप से वंचित वर्गों के मेधावी विद्यार्थियों को मुफ्त कोचिंग की सुविधा प्रदान करना है ताकि वे विभिन्न प्रवेश और प्रतियोगी परीक्षाओं में समान अवसर के साथ भाग ले सकें।
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विभाग द्वारा सूचीबद्ध कोचिंग संस्थानों के माध्यम से 30,000 सीटों पर वरीयता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।
इन परीक्षाओं के लिए कोचिंग उपलब्ध
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UPSC सिविल सेवा परीक्षा
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RPSC की RAS, Sub Inspector, अन्य सेवाएं
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REET शिक्षक पात्रता परीक्षा
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RSSB द्वारा आयोजित पटवारी, कनिष्ठ सहायक, अन्य परीक्षाएं
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कॉन्स्टेबल, बैंकिंग, बीमा, रेलवे, SSC, CDS
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इंजीनियरिंग, मेडिकल, CLAT, CA, CS, CUET जैसी प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं
पात्रता शर्तें
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आवेदक राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।
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वह SC, ST, OBC, MBC, EWS, अल्पसंख्यक या विशेष योग्यजन श्रेणी का सदस्य हो।
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पारिवारिक वार्षिक आय 8 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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यदि माता-पिता सरकारी कर्मचारी हैं तो राज्य के लिए पे मैट्रिक्स लेवल 11 तक और केंद्र सरकार के लिए लेवल 6 तक होना चाहिए।
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पूर्व में इस योजना का लाभ नहीं लिया गया हो (यानी योजना में चयनित होकर कोचिंग ज्वॉइन न की हो)।
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नियमित सरकारी कर्मचारी अभ्यर्थी पात्र नहीं होंगे।
महत्वपूर्ण दस्तावेज और तैयारी
संयुक्त निदेशक ने बताया कि आवेदन से पहले अभ्यर्थी जनाधार, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास, 10वीं-12वीं की अंकतालिकाएं आदि राज ई-वॉल्ट या डिजी लॉकर में अपलोड कर लें। इससे आवेदन के दौरान दस्तावेज पोर्टल पर ऑटो फेच हो सकेंगे और प्रक्रिया सुगम रहेगी।
अधिक जानकारी कहां मिलेगी
योजना के संशोधित दिशा-निर्देश विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि आवेदन से पूर्व सभी शर्तों और दिशानिर्देशों को भली-भांति पढ़ लें।
यह योजना प्रदेश के हजारों मेधावी लेकिन संसाधनविहीन विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धी माहौल में आगे बढ़ने का अवसर देने की दिशा में एक मजबूत पहल है।