रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था: हैदराबाद में नई ऊर्जा के साथ शुरू होगी नाइटलाइफ की योजना
भारत में नाइट टाइम इकॉनमी (NTE) की धारणा तेजी से विकसित हो रही है। मुंबई में पिछले पांच वर्षों में नाइटलाइफ के विस्तार से 7 लाख से अधिक रोजगार उत्पन्न हुए हैं और 22% वृद्धि दर्ज की गई है। अब इसी मॉडल को ध्यान में रखते हुए तेलंगाना सरकार हैदराबाद में एक संगठित और सुरक्षित नाइट टाइम इकॉनमी विकसित करने की दिशा में काम कर रही है।
2031 तक ₹26,011 करोड़ की रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य
तेलंगाना सरकार की योजना के अनुसार, वर्ष 2031 तक हैदराबाद की नाइट टाइम इकॉनमी को ₹8,500 करोड़ से बढ़ाकर ₹26,011 करोड़ तक पहुंचाया जाएगा। यह विकास 20.4% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ होगा।
12 महीनों में लागू होगा नया मॉडल
इस योजना को तीन चरणों में 12 महीनों के भीतर लागू किया जाएगा:
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पहले 3 महीने – चारमीनार, गाचीबोवली, माधापुर जैसे क्षेत्रों में गैर-मादक पेय और सांस्कृतिक गतिविधियों पर आधारित वीकेंड जोन बनेंगे।
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अगले 3 महीने – जुबली हिल्स और हाईटेक सिटी जैसे क्षेत्रों में पांच सितारा होटलों के आस-पास बार और रेस्टोरेंट को नाइट जोन में शामिल किया जाएगा।
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अंतिम 6 महीने – योजना का विस्तार कर कार्यदिवसों को भी नाइट टाइम इकॉनमी में शामिल किया जाएगा।
रोजगार के 2.4 लाख नए अवसर
2031 तक इस परियोजना के तहत 2.1 से 2.4 लाख नए रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। रोजगार के प्रमुख क्षेत्र होंगे:
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आतिथ्य और पर्यटन
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रिटेल और मनोरंजन
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परिवहन और मोबिलिटी
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सुरक्षा सेवाएं
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शहरी बुनियादी ढांचा
रात्रिकालीन गतिविधियों के लिए विशेष परिवहन व्यवस्था
शहर में नाइटलाइफ को सुचारु और सुरक्षित बनाने के लिए हैदराबाद मेट्रो और TSRTC बस सेवाएं रात 2 बजे तक संचालित की जाएंगी। इसके अलावा, उबर, ओला और अन्य कैब सेवाओं के साथ साझेदारी कर जियो-टैग्ड पिकअप-ड्रॉप प्वाइंट्स बनाए जाएंगे।
नाइटलाइफ ज़ोन और महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष फोकस
राज्य सरकार ने गाचीबोवली, जुबली हिल्स, माधापुर, टैंक बंड और चारमीनार को नाइटलाइफ ज़ोन के रूप में चिन्हित किया है। इन क्षेत्रों में रात्रिकालीन परमिट की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे व्यवसायों को शुरू करना आसान होगा।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा। राज्य के विशेष मुख्य सचिव जयेश रंजन ने कहा कि यह योजना हैदराबाद को लंदन, न्यूयॉर्क और बर्लिन जैसे वैश्विक शहरों की श्रेणी में लाएगी।
मुंबई और लंदन से प्रेरणा
मुंबई ने सीमित सुधारों के माध्यम से पिछले 5 वर्षों में नाइट टाइम इकॉनमी में 22% की वृद्धि और 7 लाख से अधिक रोजगार सृजित किए। वहीं लंदन की रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था, जिसे “इवनिंग इकॉनमी” भी कहा जाता है, शहर की कुल आय का 6% और रोजगार का 8% प्रदान करती है।
जीएसडीपी में होगा सीधा योगदान
वर्तमान में हैदराबाद तेलंगाना के 45-50% GSDP में योगदान करता है। अनुमान है कि 2031 तक NTE का हिस्सा राज्य की जीएसडीपी में 2.9-3.1% तक पहुंच जाएगा।
निष्कर्ष
हैदराबाद की नाइट टाइम इकॉनमी योजना केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोजगार, पर्यटन, व्यवसाय और सुरक्षित सार्वजनिक जीवन को बढ़ावा देने की एक समावेशी नीति है। यदि योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो यह शहर को देश और दुनिया में एक 24×7 जीवंत शहरी केंद्र के रूप में स्थापित कर सकती है।