पानी-बिजली संकट को लेकर कांग्रेस का धरना, भंवर सिंह भाटी बोले– किसान खून के आंसू रो रहा है
राजस्थान के बीकानेर संभाग में इंदिरा गांधी नहर परियोजना में पर्याप्त पानी होने के बावजूद किसानों को सिंचाई के लिए पूरा पानी नहीं मिल रहा। इसी मुद्दे को लेकर पूर्व मंत्री और कोलायत से पूर्व विधायक भंवर सिंह भाटी के नेतृत्व में कांग्रेस और किसानों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कर्मचारी मैदान में धरना देकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। धरने में सैकड़ों किसान शामिल हुए और सरकार को चेताया गया कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज होगा।
पोंग डैम से रोज एक लाख क्यूसेक पानी, फिर भी किसान परेशान क्यों?
पूर्व मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि पोंग डैम में इस समय 1380 फीट से अधिक जल स्तर है और हर दिन करीब एक लाख क्यूसेक पानी पहुंच रहा है। इसके बावजूद किसानों को तीन समूहों में से सिर्फ एक समूह को सिंचाई पानी मिल रहा है, जबकि पहले भी ऐसे ही हालात में दो समूहों को पानी दिया जाता रहा है।
उन्होंने बताया कि 13,795 क्यूसेक पानी हिरके बैराज से राजस्थान कैनाल में छोड़ा जा रहा है, जो पर्याप्त है। बावजूद इसके विभाग किसानों को भ्रमित कर रहा है और सच्चाई से दूर रख रहा है। भाटी ने आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही के कारण पोंग डैम का अतिरिक्त पानी पाकिस्तान भेजा जा रहा है, जबकि राजस्थान के किसान बूंद-बूंद को तरस रहे हैं।
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बिजली कटौती से ग्रामीण क्षेत्र बेहाल
भाटी ने बिजली व्यवस्था पर भी सरकार को घेरा और कहा कि बीकानेर संभाग के गांवों में 24 घंटे में बार-बार बिजली कटौती की जा रही है। इससे किसान ट्यूबवेल नहीं चला पा रहे और ग्रामीणों के रोजमर्रा के कार्य भी बाधित हो रहे हैं। भीषण गर्मी में बिना बिजली के रहना ग्रामीणों के लिए गंभीर संकट बन चुका है।
भाजपा पर कांग्रेस का सीधा हमला, कई नेताओं ने उठाई आवाज
धरने में शामिल पूर्व यूआईटी चेयरमैन मकसूद अहमद ने कहा कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में भारी अंतर है। एक ओर पाकिस्तान को पानी न भेजने की बात की जाती है, दूसरी ओर राजस्थान के हिस्से का पानी वहीं भेजा जा रहा है।
घड़साना किसान आंदोलन के नेता बल्लभ कोचर ने भी धरने को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के साथ हो रहा यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि घड़साना आंदोलन में वे छह महीने जेल में रहे और कई किसानों ने जान गंवाई, लेकिन सरकार अब भी संवेदनहीन बनी हुई है।
प्रदेश कांग्रेस सचिव रामनिवास कूकना ने कहा कि अगर नेतृत्व का संकेत मिले तो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे। “हम लाठी और गोली से डरने वाले नहीं हैं, जरूरत पड़ी तो भगत सिंह भी बन सकते हैं।”
खेजड़ी पेड़ कटाई का मुद्दा भी उठा
पर्यावरण कार्यकर्ता रामगोपाल बिश्नोई ने किसानों के साथ-साथ खेजड़ी पेड़ काटे जाने के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि खेजड़ी जैसे संरक्षित वृक्षों को बचाने की बजाय सरकार उनके रक्षकों के हाथ-पांव तोड़ने पर तुली हुई है।
धरने में कई वरिष्ठ नेता शामिल
धरने में पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल, देहात कांग्रेस अध्यक्ष बिशनाराम सियाग, श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा, लूणकरणसर से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेंद्र मूंड, विमल भाटी और महिपाल सारस्वत जैसे कई नेता मौजूद रहे। सभी ने सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि पानी और बिजली की समस्याएं हल नहीं हुईं, तो जनआंदोलन और तेज होगा।