नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ संबंधी आरोपों पर कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के पास सात दिन का समय है, वे या तो शपथपत्र के साथ सबूत प्रस्तुत करें या फिर देश से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।
ज्ञानेश कुमार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार और झूठे हैं। ये आरोप बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) और मतदाता सूची में हेरफेर के दावों से जुड़े हैं।
पारदर्शी प्रक्रिया, कोई भेदभाव नहीं
CEC ने कहा कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है। बिहार में SIR के तहत 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंटों ने मतदाता सूची का ड्राफ्ट तैयार किया, जिसे सभी दलों के एजेंटों ने सत्यापित किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एक करोड़ कर्मचारी और 20 लाख पोलिंग एजेंट मौजूद हैं, तब ‘वोट चोरी’ जैसी संभावना कैसे हो सकती है।
- Advertisement -
उन्होंने दोहराया कि आयोग गरीब, अमीर, महिला, पुरुष, युवा और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ निष्पक्ष रूप से खड़ा है।
मतदाता गोपनीयता का मुद्दा
राहुल गांधी द्वारा मतदाताओं की तस्वीरें और पहचान सार्वजनिक करने पर CEC ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “क्या हमें मां, बहू, बेटियों के CCTV फुटेज शेयर करने चाहिए?” इसे उन्होंने मतदाताओं की गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन बताया। साथ ही याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में मशीन-पठनीय मतदाता सूची को निजता के खिलाफ माना था।
परिणाम घोषित होने के बाद भी शिकायत संभव
CEC ने स्पष्ट किया कि चुनाव परिणाम जारी होने के 45 दिन के भीतर कोई भी अनियमितता सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इसके बाद बिना सबूत ‘वोट चोरी’ जैसे आरोप लगाना संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान है।
उन्होंने बताया कि बिहार में इस प्रक्रिया के दौरान 28,370 दावे और आपत्तियां दर्ज हुईं, जो पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रमाण है।