जयपुर, राजस्थान:
राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) के दुरुपयोग के गंभीर मामले में राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाया है। चिकित्सा विभाग की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने जयपुर, दौसा, अलवर और करौली जिलों के 6 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन शिक्षकों पर अपने RGHS कार्ड का इस्तेमाल केवल पारिवारिक सदस्यों के लिए ही नहीं, बल्कि रिश्तेदारों और परिचितों के उपचार के लिए भी करने का आरोप है।
सरकारी खजाने को लाखों का नुकसान
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन शिक्षकों द्वारा किए गए इस दुरुपयोग से सरकार को लाखों रुपये की वित्तीय हानि हुई है। जयपुर की वरिष्ठ अध्यापिका कुंबोदिनी मीणा, दौसा के शिक्षक रामकिशोर मीणा, करौली के दो और अलवर जिले के एक शिक्षक इस कार्रवाई की जद में आए हैं।
गहन जांच और आगे की कार्रवाई का संकेत
शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक मंजू शर्मा ने जानकारी दी कि इस मामले में विस्तृत जांच प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। जांच का मुख्य फोकस यह जानना है कि किन-किन निजी अस्पतालों में RGHS कार्ड का अनुचित उपयोग हुआ और कितने लोगों को इसका लाभ पहुंचाया गया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल प्राथमिक कार्रवाई है, और दोषी पाए जाने पर आगे और भी कठोर कदम उठाए जाएंगे। जांच पूरी होने पर संबंधित अस्पतालों की भूमिका की भी समीक्षा की जाएगी।
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RGHS कार्ड का उद्देश्य और नियम
राज्य सरकार द्वारा संचालित RGHS योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीमित दायरे में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत केवल कार्डधारी और उनके निर्धारित आश्रित ही पात्र होते हैं। किसी अन्य व्यक्ति को लाभ दिलाना योजना के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसे सरकार गंभीरता से ले रही है।
निष्कर्ष:
यह मामला न केवल सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पारदर्शिता और जिम्मेदारी के बिना किसी भी कल्याणकारी योजना का दायरा भ्रष्टाचार में बदल सकता है। सरकार की सख्त कार्रवाई यह संकेत देती है कि भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।