बीकानेर, राजस्थान:
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर बीकानेर के ऐतिहासिक श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर में सोमवार को “नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की” नामक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह आयोजन श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर विकास एवं पर्यावरण समिति, बीकानेर विकास प्राधिकरण, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर और लोट्स डेयरी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
भक्ति और देशभक्ति का अद्भुत संगम
कार्यक्रम में डीग से आई श्रीजी बृज लोक कला मंच की टीम ने भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की लीलाओं को जीवंत करते हुए भक्तिपूर्ण गीत, संगीत और मनोहारी नृत्य प्रस्तुत किए। कलाकारों ने कृष्ण जन्म और बृज की होली से जुड़ी झांकियों के माध्यम से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। साथ ही, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशभक्ति गीतों ने कार्यक्रम को विशेष ऊंचाई दी।
प्रमुख प्रस्तुतियाँ:
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घुँघटा उठा दे राधा रानी, बरसाने की मोर कुटी में मोर बन आयो रसिया
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आज बृज में होली रे रसिया, दे गो रस को दान री मस्तानी गुजरिया
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बीकानेर के प्रसिद्ध गायक गौरी शंकर सोनी, प्रवेश सेवग और मुन्ना सरकार ने भक्ति और वीर रस से ओतप्रोत गीत प्रस्तुत किए जिन पर दर्शकों की तालियों की गूंज सुनाई दी।
धार्मिक विधि-विधान और श्रद्धा का संयोग
कार्यक्रम का आरंभ श्री गणेश वंदना, मंगलाचरण और श्री लक्ष्मीनाथ जी की आरती से हुआ। मध्य रात्रि को मंदिर परिसर में कंस वध का प्रतीकात्मक मंचन किया गया। इसके पश्चात कथा वाचक पंडित ओमप्रकाश व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कथा सुनाई और जन्म पत्रिका का विधिवत वाचन किया।
श्रीकृष्ण जन्म के उपरांत आरती हुई और उपस्थित भक्तों में पंजीरी, पंचामृत, खिलौने, टॉफियां तथा अन्य प्रसाद वितरित किए गए।
मुख्य अतिथि और आयोजन की गरिमा
कार्यक्रम में बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य और विजय आचार्य, पुलिस अधिकारी मोटाराम व जसबीर, गौसेवक श्रीभगवान अग्रवाल, भाजपा कोषाध्यक्ष गोपाल अग्रवाल, हिन्दू जागरण मंच के प्रांतीय संयोजक कैलाश भार्गव तथा अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।
संचालन और स्वागत:
कार्यक्रम का प्रभावी संचालन रविन्द्र हर्ष और ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।
अतिथियों का स्वागत सीताराम कच्छावा, अशोक जसमतिया, अनिल सोनी, हेमंत शर्मा, विनोद महात्मा सहित समिति के सदस्यों ने किया।
निष्कर्ष:
श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर में आयोजित यह कार्यक्रम केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रीय चेतना का संगम था। भक्ति रस से सराबोर इस आयोजन ने बीकानेरवासियों को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गौरव से भर दिया।