पचास लाख की इंश्योरेंस ठगी के लिए खुद को मरा दिखाया, जांच में हुआ भंडाफोड़
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति ने जीवन बीमा राशि हड़पने के लिए खुद को मृत घोषित करवा दिया। आरोपी ने न सिर्फ फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए, बल्कि नगर निगम से मृत्यु प्रमाण पत्र भी हासिल कर लिया। हालांकि, बीमा कंपनी की सतर्कता के चलते यह योजना नाकाम हो गई और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
बीमा कंपनी को हुआ शक, शुरू हुई जांच
बंधन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार, श्रीगंगानगर के घड़साना निवासी मांगीलाल ज्याणी ने पचास लाख रुपये का टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान लिया था। योजना के तहत उसने दो मासिक किस्तें भी भरीं। इसके बाद उसके एक परिचित ने मांगीलाल की मौत का दावा करते हुए बीमा राशि क्लेम करने की कोशिश की। दावा मिलने के बाद कंपनी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आंतरिक जांच शुरू की।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
बीमा कंपनी ने मांगीलाल की मृत्यु को लेकर संबंधित दस्तावेजों और पते की जांच की। जब अधिकारियों ने उसके घर और अन्य स्थानों पर संपर्क किया, तो पता चला कि मांगीलाल पूरी तरह जीवित है। इसके बाद मांगीलाल के जीवित होने के पर्याप्त सबूत जुटाए गए, जिससे यह साफ हो गया कि बीमा राशि के लिए जानबूझकर धोखाधड़ी की गई है।
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एफआईआर दर्ज, आरोपी गिरफ्तार
बंधन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के लीगल ऑफिसर सौरभ कुमार ने जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी मांगीलाल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन लोग शामिल थे और मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे सरकारी दस्तावेज कैसे हासिल किए गए।
बड़े सवाल खड़े करती है यह घटना
इस मामले ने प्रशासनिक प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां जीवित व्यक्ति के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हो गया। यह न सिर्फ बीमा कंपनियों की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देता है, बल्कि सरकारी तंत्र की खामियों को भी उजागर करता है।
निष्कर्ष:
बीमा राशि हड़पने के लिए खुद को मृत दिखाने जैसा अपराध न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह व्यवस्था में मौजूद कमजोरियों का फायदा उठाने का खतरनाक उदाहरण भी है। समय रहते जांच होने से यह ठगी असफल रही, लेकिन ऐसे मामलों से निपटने के लिए सतर्कता और सख्त व्यवस्था की आवश्यकता है।