कोलकाता में फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ के ट्रेलर लॉन्च कार्यक्रम के दौरान उस समय हंगामा मच गया जब पुलिस ने होटल में चल रही स्क्रीनिंग को बीच में रोक दिया। यह आयोजन शहर के एक नामी होटल में हो रहा था, जहां फिल्म की पूरी टीम – निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री, निर्माता अभिषेक अग्रवाल और अभिनेत्री पल्लवी जोशी – मौजूद थे।
पुलिस की कार्रवाई और टीम का विरोध
ट्रेलर के स्क्रीन होते ही पुलिस होटल में पहुंच गई और आयोजन रोकने के लिए हस्तक्षेप किया। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद फिल्म निर्माताओं और अधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई। विवेक अग्निहोत्री ने घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह सीबीएफसी द्वारा स्वीकृत ट्रेलर का लॉन्च था, जिसे पुलिस ने जबरन रुकवा दिया। उन्होंने इसे “तानाशाही” और “अराजकता” बताया और दावा किया कि राज्य सरकार की ओर से दबाव बनाया जा रहा है।
राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप
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निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि बंगाल में जनसांख्यिकी परिवर्तन के मुद्दे को फिल्म में दिखाया गया है, जिससे कुछ राजनीतिक ताकतें असहज हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस का उपयोग एक फिल्म को दबाने के लिए किया जा रहा है, और यह लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पुलिस आखिर किसके आदेश पर एक निजी आयोजन में हस्तक्षेप कर रही है।
अभिनेत्री पल्लवी जोशी की नाराजगी
फिल्म की प्रमुख अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने कहा कि इस तरह से कार्यक्रम को रोका जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बंगाल में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है या नहीं। पल्लवी ने यह भी कहा कि “ऐसा तो कश्मीर में भी नहीं हुआ था,” और आज बंगाल में जो हो रहा है, वह बेहद चिंताजनक है। उन्होंने फिल्म को जनता तक पहुंचने देना आवश्यक बताया।
निर्माता अभिषेक अग्रवाल की प्रतिक्रिया
फिल्म के निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि आयोजन के लिए सभी जरूरी अनुमतियाँ ली गई थीं और पूरी तैयारी के साथ यह कार्यक्रम रखा गया था। उन्होंने कहा, “हमने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया, फिर भी हमारे साथ इस तरह का व्यवहार किया गया।” उन्होंने इसे ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ बताते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अब लोगों के सामने सच्चाई खुद आ गई है।
निष्कर्ष:
‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर कोलकाता में जो कुछ हुआ, उसने राजनीतिक हस्तक्षेप और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिल्म से जुड़े लोगों का मानना है कि यह घटना फिल्म को दबाने की साजिश का हिस्सा है, जबकि राज्य प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।