Alaska Summit: भारत को लेकर ट्रंप का बड़ा बयान, रूस को बताया बड़ा नुकसान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को अलास्का में करीब ढाई घंटे लंबी बैठक हुई। इस उच्चस्तरीय वार्ता के बाद ट्रंप ने एक अमेरिकी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में भारत का उल्लेख किया और रूस-भारत ऊर्जा संबंधों पर टिप्पणी की।
ट्रंप ने कहा कि जब अमेरिका ने भारत को रूसी तेल खरीदने पर टैरिफ लगाने की चेतावनी दी, तो इससे रूस को बड़ा आर्थिक झटका लगा। उन्होंने दावा किया कि भारत को रूस से तेल आयात में कटौती करनी पड़ी, जिसके कारण रूस ने एक बड़ा ग्राहक खो दिया। ट्रंप ने कहा, “भारत पर टैरिफ लगाने की धमकी असरदार रही। इसके बाद पुतिन ने मुझसे मिलने की इच्छा जताई।”
हालांकि, भारत सरकार ने रूसी तेल आयात में किसी तरह की कटौती के दावे को खारिज कर दिया है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ए.एस. साहनी ने स्पष्ट किया कि भारत अपनी ऊर्जा नीति में कोई बदलाव नहीं कर रहा और तेल की खरीद आर्थिक आधार पर जारी रहेगी। विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिका की संभावित टैरिफ नीति को अनुचित और इकतरफा बताया है।
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बता दें कि अमेरिका 27 अगस्त से रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 25% टैरिफ लागू करने की योजना बना रहा है। लेकिन अब माना जा रहा है कि ट्रंप और पुतिन की मुलाकात के बाद इस फैसले पर पुनर्विचार हो सकता है।
बातचीत रही बिना ठोस नतीजों के
ट्रंप और पुतिन की बैठक यूक्रेन युद्ध जैसे जटिल मुद्दों पर केंद्रित रही, लेकिन इसमें कोई निर्णायक समझौता नहीं हुआ। ट्रंप ने बैठक को “सकारात्मक” बताया, जबकि पुतिन ने कहा कि अगर 2022 में ट्रंप राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन युद्ध की नौबत ही नहीं आती।
पुतिन ने अगली शिखर वार्ता रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है, जिसे ट्रंप ने पूरी तरह खारिज नहीं किया, लेकिन यह स्वीकार किया कि इससे राजनीतिक हलकों में आलोचना हो सकती है।
बैठक के तुरंत बाद दोनों नेता अपने-अपने देशों के लिए रवाना हो गए।
निष्कर्ष:
अमेरिका और रूस के बीच बातचीत की यह पहल महत्वपूर्ण मानी जा रही है, लेकिन भारत को लेकर ट्रंप के बयान से नई कूटनीतिक चुनौती खड़ी हो सकती है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी ऊर्जा जरूरतें किसी बाहरी दबाव से निर्धारित नहीं होंगी।