सांवलिया सेठ मंदिर में जन्माष्टमी पर भव्य आयोजन, इंदौर से आई पोशाक में होगा शृंगार, आधी रात को महाआरती
चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया कस्बे में स्थित श्री सांवलियाजी मंदिर में इस वर्ष 15 अगस्त के बाद 16 अगस्त को पड़ने वाली जन्माष्टमी पर विशेष उल्लास देखने को मिलेगा। मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए व्यापक तैयारियां की गई हैं।
भगवान सांवलिया सेठ, जिन्हें कृष्ण का रूप माना जाता है, के दर्शनों के लिए लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से मंदिर पहुंचेंगे। जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर मंदिर में विशेष पोशाक, भव्य शृंगार, मटकी फोड़ लीला, अखाड़ा प्रदर्शन, और पंजेरी के प्रसाद वितरण जैसी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
महत्वपूर्ण आयोजन और तैयारियां:
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विशेष पोशाक:
भगवान का शृंगार इंदौर से आई विशेष पोशाक में किया जाएगा। रात 12 बजे जन्म की प्रतीकात्मक महाआरती के साथ यह शृंगार होगा।- Advertisement -
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पुजा और दर्शन व्यवस्था:
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सुबह 5:30 बजे मंगला आरती
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6:30 से 8:00 बजे तक शृंगार (इस दौरान दर्शन बंद रहेंगे)
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10:00 से 11:15 तक राजभोग आरती
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12:00 बजे शयन
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दोपहर 2:30 बजे से दर्शन पुनः प्रारंभ
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रात 10:30 बजे तक दर्शन बंद,
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फिर आधी रात 12:05 बजे जन्म आरती के साथ दर्शन पुनः प्रारंभ होंगे।
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पंजेरी प्रसाद वितरण:
महाआरती के पश्चात क्विंटलों वजन की पंजेरी भगवान को भोग लगाकर श्रद्धालुओं में वितरित की जाएगी। -
विशेष सजावट और रोशनी:
मंदिर परिसर और सांवलिया जी नगरी को सजाया गया है। संपूर्ण वातावरण श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत रहेगा। -
सुरक्षा और सुविधा प्रबंधन:
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आवास व्यवस्था
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पेयजल
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दर्शन प्रबंधन
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पार्किंग
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सुरक्षा व्यवस्था
मंदिर मंडल और प्रशासन की ओर से व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया गया है।
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मटकी फोड़ और अखाड़ा प्रदर्शन:
पीपलोदा उज्जैन के श्री बजरंग अखाड़ा के कलाकार अखाड़ा प्रदर्शन और माखन मटकी लीला का मंचन करेंगे। -
भजन संध्या:
मीरा रंगमंच डोम परिसर में प्रसिद्ध भजन गायक छोटू सिंह रावणा द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
निष्कर्ष:
श्री सांवलियाजी मंदिर में इस वर्ष की जन्माष्टमी पहले से अधिक भव्य और श्रद्धा से भरपूर होने जा रही है। लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति, व्यवस्थाओं की पुख्ता तैयारी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला इस पर्व को एक अद्वितीय धार्मिक अनुभव बनाएगी। भक्तों से अपील है कि वे निर्धारित समय और व्यवस्था के अनुसार दर्शन कर संयम बनाए रखें।