राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे स्वतंत्रता दिवस समारोह से अनुपस्थित, बीजेपी ने की आलोचना
15 अगस्त को लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अनुपस्थिति ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। इस अवसर पर जहां देश भर से राजनेता, अधिकारी और आमजन बड़ी संख्या में शामिल हुए, वहीं कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की गैरहाजिरी ने विपक्षी पार्टी को आलोचना के घेरे में ला खड़ा किया है।
बीजेपी ने राहुल गांधी की अनुपस्थिति को लेकर तीखा हमला बोला है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर राहुल को “पाकिस्तान प्रेमी” तक कह डाला। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में देश और सेना का भी अपमान करने से नहीं चूकते। पूनावाला ने इस रवैये को शर्मनाक करार दिया और पूछा कि क्या यही लोकतंत्र और संविधान का सम्मान है।
कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में उनके साथ हुए व्यवहार से नाराज़ थे। जानकारी के मुताबिक, उन्हें पिछले साल कार्यक्रम के दौरान पांचवी पंक्ति में बैठाया गया था, जबकि नेता प्रतिपक्ष के नाते उन्हें अग्रिम पंक्ति में जगह मिलनी चाहिए थी। इस व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने कार्यक्रम आयोजकों पर प्रोटोकॉल तोड़ने का आरोप लगाया था।
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हालांकि राहुल और खड़गे दोनों ने कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां बारिश के बीच उन्होंने राष्ट्रगान भी गाया। सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं ने स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राहुल गांधी ने अपने संदेश में लिखा, “यह आज़ादी हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से मिली है। हमें एक ऐसे भारत के निर्माण का संकल्प लेना है जहां सत्य, न्याय और समानता हो।” वहीं खड़गे ने लिखा, “यह दिन हमारे लोकतंत्र के मूल्यों को पुनः स्मरण करने और समर्पण का अवसर है।”
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि राष्ट्रीय पर्वों के आयोजनों में राजनीतिक मतभेदों को कितना स्थान मिलना चाहिए और क्या यह लोकतांत्रिक मूल्यों की गरिमा के अनुकूल है।