खनिज क्रांति की ओर राजस्थान: सोना-चांदी से लिग्नाइट तक, नई नीतियों से बढ़ेगा राज्य का राजस्व और रोजगार
जयपुर। केंद्र सरकार ने ‘खनिज और खनन (विकास एवं विनियमन) अधिनियम’ में छह बड़े संशोधन कर देशभर में खनिज संसाधनों के दोहन की राह आसान बना दी है। इन बदलावों का सबसे बड़ा फायदा राजस्थान जैसे खनिज-समृद्ध राज्यों को होने वाला है, जहां सोना, चांदी, टंगस्टन, लिग्नाइट, जिप्सम, कोबाल्ट और रेयर अर्थ जैसे महत्वपूर्ण खनिज बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं।
छह प्रमुख बदलाव जो बना सकते हैं राजस्थान की किस्मत:
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एक ही पट्टे में कई खनिजों की अनुमति:
अब मौजूदा खदान संचालक बिना अतिरिक्त शुल्क के लिथियम, सोना, चांदी, कोयला आदि खनिजों को शामिल कर पाएंगे।- Advertisement -
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रॉयल्टी निर्धारण का अधिकार राज्य सरकार को:
रेत, बजरी, पत्थर जैसे लघु खनिजों की रॉयल्टी राज्य सरकारें तय करेंगी, जिससे राज्य को अधिक राजस्व मिलेगा। -
राष्ट्रीय खनिज खोज मिशन:
‘नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड डेवलपमेंट ट्रस्ट’ अगले पांच वर्षों में 8,700 करोड़ रुपये की लागत से खनिज खोज और विकास पर खर्च करेगा। -
गहरे खनिजों के लिए क्षेत्र विस्तार:
अब 200 मीटर से गहराई में मौजूद खनिजों की खोज के लिए खदान क्षेत्र का विस्तार संभव होगा। -
खनिज एक्सचेंज की स्थापना:
खनिज व्यापार के लिए पंजीकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा, जिससे व्यापार में पारदर्शिता बढ़ेगी। -
नीलामी वाली खदानों में नए खनिजों पर अतिरिक्त प्रीमियम:
यदि पहले से नीलाम खदानों में नए खनिज पाए जाते हैं, तो संचालक को अतिरिक्त प्रीमियम देना होगा।
राजस्थान को कैसे मिलेगा फायदा?
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राजस्थान में लगभग 82 प्रकार के खनिज मौजूद हैं, जिनमें से 52 का खनन वर्तमान में हो रहा है।
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राज्य में सोने की दो खदानों की नीलामी पहले ही हो चुकी है, और अन्य की प्रक्रिया जारी है।
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लिग्नाइट, टंगस्टन, जिप्सम, बेंटोनाइट जैसे खनिजों के साथ-साथ अब लिथियम, कोबाल्ट, निकल जैसे रणनीतिक खनिजों की खोज भी राज्य में संभावित है।
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इन नीतिगत बदलावों से राज्य को रॉयल्टी, निवेश और रोजगार तीनों क्षेत्रों में उल्लेखनीय लाभ होगा।
रेयर अर्थ की खोज में तेजी
राजस्थान में रेयर अर्थ तत्वों की खोज भी जारी है, जिनकी वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है। केंद्र सरकार द्वारा खनिजों की खोज के लिए अलग से कंपनी बनाए जाने से राजस्थान में इस दिशा में तेज काम होगा।
नए अवसरों की ओर बढ़ता राजस्थान
खनिज संसाधनों की विशालता और अब नीतिगत सहयोग के चलते, राजस्थान की अर्थव्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन मिलने वाला है। केंद्र सरकार के ये संशोधन न केवल खनिज संपदा को सतह पर लाएंगे, बल्कि राज्य को नई औद्योगिक और ऊर्जा संभावनाओं की ओर भी ले जाएंगे।
निष्कर्ष:
खनन नीति में आए इन परिवर्तनों से राजस्थान को देश की खनिज राजधानी बनने का अवसर मिल सकता है। सोना-चांदी से लेकर लिथियम और रेयर अर्थ तक, हर खनिज राज्य की विकास गाथा को नई दिशा देने को तैयार है।