झारखंड के देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह में कथित रूप से जबरन प्रवेश करने के मामले में दर्ज एफआईआर के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने गिरफ्तारी देने की घोषणा की थी। शनिवार को वे एयरपोर्ट से सीधे थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने से मना कर दिया।
दुबे ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं भगोड़ा नहीं हूं। यह मेरे और मेरी पत्नी के खिलाफ दर्ज 51वां मामला है। इसमें मेरे बड़े बेटे, भाई, पिता और मां के खिलाफ भी एफआईआर हुई है। प्रशासन जितनी बार मुकदमे दर्ज करेगा, मैं उतनी बार सरेंडर करूंगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि कानून में प्रावधान है, तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार करे।
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दुबे ने आरोप लगाया कि धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप केवल उन पर लगाया जा रहा है, जबकि अन्य समुदायों के लोगों के पूजा करने पर आपत्ति नहीं की जाती। उन्होंने कहा, “मैं मंदिर ट्रस्टी, तीर्थ पुरोहित और देवघर में जन्मा हूं। केस करने वाले गर्भगृह में किस आधार पर थे, यह जांच का विषय है।”
क्या है मामला
2 अगस्त को श्रावणी मेले के दौरान, जब वीवीआईपी दर्शन और गर्भगृह में प्रवेश पर रोक थी, तब पंडा धर्मरक्षिणी सभा के सदस्य कार्तिकनाथ ठाकुर ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि मनोज तिवारी, निशिकांत दुबे, उनके पुत्र कनिष्ककांत दुबे, दोनों सांसदों के पीए और कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया। इस दौरान निकास द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की हुई, जिससे मंदिर परिसर में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
वर्तमान में, पुलिस मामले की जांच कर रही है और सभी पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।