


बीकानेर के गंगाशहर थाना क्षेत्र से जुड़े 11 साल पुराने एक रिश्वत प्रकरण में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी ने तत्कालीन एएसआई को दोषी मानते हुए भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में चालान पेश कर दिया है। मामला वर्ष 2014 का है, जब एक परिवादी ने पुलिसकर्मी पर धारा हटाने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।
गंगाशहर निवासी मनोज गहलोत ने 24 नवंबर 2014 को एसीबी चौकी में शिकायत दी थी कि उसका पारिवारिक विवाद चल रहा था और पुलिस में रिपोर्ट देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई। उसने आरोप लगाया कि उस समय के एएसआई ने न केवल उसे डरा-धमका कर पैसे लिए बल्कि एक मुकदमे से धारा 382 हटाने के लिए 2000 रुपए की रिश्वत भी मांगी।
शिकायत के सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई, हालांकि एसीबी द्वारा किए गए ट्रैप ऑपरेशन में एएसआई को भनक लग गई और उसने पैसे नहीं लिए। बावजूद इसके, जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी ने वाकई में रिश्वत मांगी थी।

करीब 11 साल बाद अब इस मामले में एसीबी ने जांच पूरी कर ली है और आरोपी पूर्व एएसआई को दोषी मानते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया है। मामला अब न्यायालय के विचाराधीन है।