


सिख अभ्यर्थियों को धार्मिक प्रतीकों के साथ परीक्षा देने की अनुमति, सरकार ने जारी किया नया परिपत्र
राजस्थान सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सिख समुदाय के अभ्यर्थियों को अपने धार्मिक प्रतीकों—कड़ा, कृपाण और पगड़ी—धारण कर परीक्षा देने की अनुमति दे दी है। गृह विभाग ने इस संबंध में सभी परीक्षा आयोजक संस्थाओं को नया परिपत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि परीक्षा केंद्रों पर सिख अभ्यर्थियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाए।
2019 के परिपत्र का किया गया पुनः हवाला
गौरतलब है कि इस विषय पर 2019 में भी गृह विभाग ने एक परिपत्र जारी किया था, लेकिन हाल ही में राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा के दौरान एक सिख छात्रा को परीक्षा केंद्र में धार्मिक प्रतीकों के साथ प्रवेश नहीं दिया गया। यह घटना जयपुर के पूर्णिमा यूनिवर्सिटी केंद्र की थी, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ गया।
इस पर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट कर विरोध जताया था। उन्होंने कहा कि पंजाब के तरनतारण जिले की सिख छात्रा को सिर्फ इसलिए परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया गया क्योंकि उसने कड़ा और कृपाण पहन रखा था। इस घटना से सिख समुदाय में व्यापक रोष देखने को मिला।
गृह विभाग का नया निर्देश
29 जुलाई को गृह विभाग ने पुनः स्पष्ट किया कि:
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सिख अभ्यर्थी परीक्षा कक्ष में कड़ा, कृपाण और पगड़ी पहन सकते हैं।
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सुरक्षा जांच के दौरान धार्मिक मान्यताओं का सम्मान किया जाए।
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सिख अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर एक घंटा पहले बुलाया जा सकता है ताकि जांच प्रक्रिया सुचारु रूप से की जा सके।
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यदि प्रतीक चिन्हों में कोई संदेहास्पद वस्तु पाई जाए तो प्रवेश से रोका जा सकता है।
सभी संस्थानों को निर्देश
यह परिपत्र राजस्थान लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड, शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, पुलिस महानिदेशक, जिला कलेक्टरों और परीक्षा आयोजक संस्थाओं को भेजा गया है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने भी मामले पर संज्ञान लेते हुए सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की थी।
निष्कर्ष
सरकार के इस कदम से सिख समुदाय के अभ्यर्थियों को न केवल धार्मिक स्वतंत्रता का संरक्षण मिलेगा, बल्कि परीक्षा केंद्रों पर होने वाले भेदभाव की संभावना भी कम होगी। यह फैसला धार्मिक सहिष्णुता और संविधान प्रदत्त मूल अधिकारों की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है।