


फर्जी पुरस्कार वेबसाइट का भंडाफोड़, कई राज्यपालों-अफसरों के नाम और तस्वीरों का दुरुपयोग
जयपुर। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के नाम पर लोगों को ठगने वाली एक फर्जी वेबसाइट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। राजस्थान पत्रिका की रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए देहरादून और लखनऊ के साइबर थानों में एफआईआर दर्ज की है। जांच में सामने आया कि वेबसाइट पर फर्जी तरीके से कई राज्यों के राज्यपाल, न्यायाधीश, आईएएस, आईपीएस अधिकारियों, नेताओं और अभिनेताओं के नामों को पुरस्कार चयन समिति से जोड़ा गया था।
राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तियों के नाम का गलत इस्तेमाल
इस वेबसाइट के माध्यम से यह दावा किया गया कि 28 अगस्त 2025 को दिल्ली में “राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2025” और मुंबई के ताज पैलेस में “अंतरराष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2025” आयोजित किए जाएंगे। वेबसाइट पर पूर्व और वर्तमान राज्यपालों, उच्च पदस्थ अधिकारियों और खेल हस्तियों की तस्वीरें और नाम प्रकाशित किए गए, जिससे इसे असली दर्शाया जा सके।
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पत्रिका की रिपोर्ट के बाद सक्रिय हुई पुलिस
24 जुलाई 2025 को राजस्थान पत्रिका में “राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2025 के नाम पर ठगी!” शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के राजभवनों ने गंभीरता से संज्ञान लिया। तुरंत ही देहरादून और लखनऊ के साइबर थानों में मामले दर्ज किए गए और जांच शुरू की गई। वेबसाइट को अब बंद कर दिया गया है और पुलिस का दावा है कि वेबसाइट बनाने वाले मुख्य आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
एफआईआर में किए गए प्रमुख खुलासे

देहरादून पुलिस ने एफआईआर में बताया कि वेबसाइट पर सरकारी मंत्रालय का दावा किया गया था, जबकि वह NIC (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) से प्रमाणित नहीं थी। इस्तेमाल किए गए ईमेल पते भी सरकारी नहीं थे। यह साबित करता है कि वेबसाइट धोखाधड़ी और अनुचित लाभ के इरादे से बनाई गई थी। इसके साथ एक व्हाट्सएप API भी जुड़ी हुई थी।
लखनऊ में राज्यपाल सचिवालय ने दर्ज कराई रिपोर्ट
लखनऊ साइबर थाने में राज्यपाल के अनुसचिव संजय दीक्षित द्वारा दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि वेबसाइट को सुशील कुमार नामक व्यक्ति संचालित कर रहा था, जो फिलहाल अज्ञात है। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेक विंग ने भी वेबसाइट को फर्जी करार देते हुए चेतावनी जारी की है कि इसका युवा मामले और खेल मंत्रालय से कोई संबंध नहीं है।
फर्जीवाड़ा उजागर, जल्द गिरफ्तारी की तैयारी
पुलिस का कहना है कि वेबसाइट से जुड़े साइबर अपराधियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह मामला न केवल साइबर सुरक्षा की गंभीरता को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे तकनीक के माध्यम से आम नागरिकों को भ्रमित किया जा सकता है।
प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी पुरस्कार या आयोजन से संबंधित सूचना को सत्यापित करने के बाद ही उस पर भरोसा करें और संदिग्ध लिंक, ईमेल या वेबसाइट्स से सतर्क रहें।