


डिजिटल अरेस्ट ठगी: फर्जी CBI अधिकारी बनकर 23.56 लाख की ठगी, गिरोह का एक और सदस्य गोआ से गिरफ्तार
राजस्थान के जयपुर में 75 वर्षीय बुजुर्ग से 23.56 लाख रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गोआ से गिरफ्तार किया है। यह मामला उस गिरोह से जुड़ा है जो खुद को फर्जी पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताकर “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर लोगों से ठगी करता है। अब तक इस मामले में सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
राजस्थान साइबर थाने की टीम ने गोआ के पोंडा इलाके से रेहान मकन्दर नामक 23 वर्षीय युवक को पकड़ा है। यह गिरोह का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है। पुलिस ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर जयपुर लाकर न्यायालय में पेश किया, जहां अब उससे पूछताछ की जा रही है।
इससे पहले 27 मई को जयपुर के एक वरिष्ठ नागरिक ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ अज्ञात लोगों ने खुद को पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताते हुए उन्हें फोन पर धमकाया और “डिजिटल अरेस्ट” का हवाला देकर उनसे 23.56 लाख रुपये की ठगी कर ली।
- Advertisement -

अब तक इस मामले में सुरेश कुमार, प्रहलाद कुमावत, ओमप्रकाश, भूपेश, वशुल और सन्नी कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है। पूछताछ में सामने आया कि रेहान मकन्दर इस गिरोह के क्रिप्टो लेनदेन का प्रमुख सहयोगी था।
गिरफ्तार रेहान ने स्वीकार किया है कि वह गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर USDT (क्रिप्टोकरेंसी) के जरिये ठगी की राशि को स्थानांतरित करता था। यह खुलासा न केवल इस अपराध के डिजिटल स्वरूप को दर्शाता है बल्कि यह भी संकेत देता है कि साइबर ठगी में क्रिप्टोकरेंसी का दायरा बढ़ता जा रहा है।
एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि मामले की तकनीकी और वित्तीय जांच विस्तार से की जा रही है। पुलिस को विश्वास है कि गिरोह के अन्य सदस्यों की भी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।