

जयपुर। राजस्थान में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर अब कोई माफ़ी नहीं मिलेगी। राज्य सरकार ने एक नई तकनीक ई-डिटेक्शन प्रणाली की शुरुआत की है, जिसके जरिए अब टोल प्लाज़ा पर वाहन दस्तावेजों की स्वचालित निगरानी होगी और नियम तोड़ने पर तुरंत ऑनलाइन चालान जारी किया जाएगा।
सोमवार को उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने परिवहन विभाग द्वारा तैयार दो प्रमुख नवाचारों — ई-डिटेक्शन एप्लीकेशन और हाइपोथेकेशन रिमूवल मॉड्यूल का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा, नियमों के अनुपालन और यातायात व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए यह तकनीक एक बड़ा कदम है।
कैसे काम करेगा ई-डिटेक्शन सिस्टम
यह प्रणाली राज्य के टोल प्लाज़ा पर लगाए गए कैमरों और सॉफ्टवेयर के माध्यम से काम करेगी। जैसे ही वाहन टोल से गुजरेगा, उसके रजिस्ट्रेशन नंबर से दस्तावेजों की वैधता जांची जाएगी। अगर बीमा, फिटनेस या परमिट आदि में कोई कमी पाई गई, तो स्वचालित चालान जारी कर वाहन मालिक को भेजा जाएगा।
अभी किन वाहनों पर लागू?
इस तकनीक को पहले चरण में ट्रांसपोर्ट श्रेणी के वाहनों पर लागू किया गया है। जल्द ही इसे नॉन-ट्रांसपोर्ट (निजी) वाहनों पर भी लागू किया जाएगा।
फिलहाल, NHAI के 145 और MoRTH के 13 टोल प्लाज़ा को इस सिस्टम से जोड़ा गया है।
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हाइपोथेकेशन रिमूवल भी अब ऑनलाइन
वहीं, हाइपोथेकेशन रिमूवल मॉड्यूल की शुरुआत से वाहन मालिक अब बैंक से ऋण चुकाने के बाद घर बैठे ही अपने वाहन की फाइनेंस हटा सकेंगे। उन्हें केवल बैंक से मिली NOC ऑनलाइन अपलोड करनी होगी। इससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी और प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
क्या बोले उप मुख्यमंत्री?
प्रेमचंद बैरवा ने कहा, “यह तकनीक आम नागरिकों को सुरक्षा और सुविधा प्रदान करेगी, साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।” उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कदम राज्य को सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा।