

राजस्थान में दिसंबर में संभव है निकाय और पंचायत चुनाव एकसाथ, रिपोर्ट अंतिम चरण में
राजस्थान में इस वर्ष के अंत तक पंचायतीराज संस्थाओं और शहरी निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाने की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं। राज्य सरकार इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रही है और इस संबंध में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति पुनर्गठन प्रक्रिया की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुटी है।
रिपोर्ट 15 से 20 दिनों में होगी तैयार
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने मंगलवार को उपसमिति की बैठक के बाद जानकारी दी कि पंचायतों और जिला परिषदों के पुनर्गठन को लेकर जिलों से मिले प्रस्तावों, आपत्तियों और सुझावों पर विस्तार से चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि आगामी 15 से 20 दिनों में यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंप दी जाएगी।
नई पंचायतों और समितियों के गठन पर मंथन
वर्तमान में नई पंचायतों और पंचायत समितियों के गठन से जुड़े प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उपसमिति का फोकस इस बात पर है कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से चुनाव क्षेत्रों का समुचित पुनर्गठन किया जाए, जिससे चुनाव प्रक्रिया अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी हो सके। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर ही लिया जाएगा।
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दोनों संस्थाओं का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त
गौरतलब है कि प्रदेश की पंचायतीराज संस्थाओं और शहरी निकायों का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त हो रहा है। ऐसे में सरकार की प्राथमिकता है कि चुनाव आयोग को समय रहते सभी आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध कराई जाएं, जिससे चुनाव तय समय पर कराए जा सकें।
प्रशासनिक सहूलियत और खर्च में कटौती संभव
यदि पंचायतीराज और शहरी निकायों के चुनाव एक साथ होते हैं, तो इससे प्रशासनिक व्यवस्थाओं में बेहतर समन्वय स्थापित होगा और सरकारी खर्च भी कम आएगा। एकसाथ चुनाव कराना संसाधनों का अधिक कुशल उपयोग भी सुनिश्चित करेगा।