

MRI मशीन ने निगल ली जान, गले में भारी चेन बन गई मौत की वजह
न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड स्थित वेस्टबरी के नासाउ ओपन एमआरआई सेंटर में एक अत्यंत दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें 61 वर्षीय कीथ मैकएलिस्टर की जान चली गई। घटना उस समय घटी जब वह अपनी पत्नी के साथ सेंटर आए थे, जहां उनकी पत्नी का घुटने का एमआरआई स्कैन चल रहा था।
कीथ के गले में लगभग 9 किलो वजनी धातु की चेन थी, जिसे वह नियमित वेट ट्रेनिंग के दौरान पहनते थे। दुर्भाग्य से, वह सक्रिय MRI मशीन के पास पहुंच गए और अत्यधिक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र ने उन्हें इतनी तीव्रता से अपनी ओर खींच लिया कि उनका शरीर नियंत्रण से बाहर होकर मशीन में जा फंसा।
मौत का टारपीडो जैसा खिंचाव
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कीथ का शरीर ऐसा खिंचा मानो किसी टारपीडो की तरह मशीन की ओर चला गया। इस भयानक दृश्य को देखकर वहां मौजूद टेक्नीशियन और परिजन स्तब्ध रह गए। उनकी पत्नी एड्रिएन जोन्स ने बताया, “मैं लगातार चिल्ला रही थी – 911 को कॉल करो, मशीन को बंद करो! लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।”
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सुरक्षा नियमों की अनदेखी?
एड्रिएन का दावा है कि उनके पति की चेन को लेकर पहले ही MRI स्टाफ से बातचीत हो चुकी थी। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया कि क्यों उन्हें MRI कमरे के पास जाने की अनुमति दी गई जबकि उनके गले में इतनी भारी धातु थी। यह सवाल अब सुरक्षा प्रोटोकॉल पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है।
MRI की ताकत और खतरा
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि MRI मशीनें बहुत शक्तिशाली मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न करती हैं, जो धातु की किसी भी वस्तु को तेजी से खींच सकती हैं। डॉ. पायल सूद बताती हैं, “इसलिए MRI से पहले मरीज़ और उनके साथ आए लोगों को हर प्रकार की धातु हटाने के निर्देश दिए जाते हैं। यह एक छोटी सी चूक भी घातक हो सकती है।”
जनता में चिंता और संस्थानों में मंथन
घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में गहरी चिंता देखी जा रही है। कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर टेक्नीशियन मौजूद था, तो मशीन पहले से ON क्यों थी? क्या मेटल डिटेक्टर जांच नहीं हुई?

इस हादसे के बाद कई मेडिकल संस्थानों ने अपने MRI सुरक्षा प्रोटोकॉल की दोबारा समीक्षा शुरू कर दी है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अब मरीजों के परिजनों को भी MRI क्षेत्र में प्रवेश से पहले कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना होगा।
जांच और कार्रवाई की तैयारी
स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। यदि मेडिकल सेंटर की लापरवाही साबित होती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें लाइसेंस निलंबन भी शामिल है।
ट्रेनिंग और जवाबदेही पर सवाल
क्या MRI तकनीशियन को आपात स्थिति में मशीन बंद करने का प्रशिक्षण था? क्या ऑपरेटर की ट्रेनिंग मानकों के अनुरूप थी? ये सारे सवाल अब जांच के दायरे में हैं।
मानसिक आघात से टूटी पत्नी
एड्रिएन जोन्स ने बताया कि यह सब उनके सामने हुआ और उनके पति ने उनकी बाहों में अंतिम सांस ली। उन्होंने कहा, “ये पल मेरी आंखों में हमेशा के लिए छप गया है। मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी।”
यह दर्दनाक घटना मेडिकल क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा में कोई भी ढील लोगों की जान ले सकती है। अब ज़रूरत है और सख्त प्रोटोकॉल की – ताकि भविष्य में ऐसा कोई हादसा न हो।