

खाटूश्याम मंदिर में विशेष अनुष्ठान, 2 दिन आम दर्शन पर अस्थायी रोक
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंदिर में इन दिनों परंपरागत धार्मिक विधि के तहत विशेष तिलक शृंगार अनुष्ठान चल रहा है। इसी कारण मंदिर प्रशासन ने 25 जुलाई की रात 10 बजे शयन आरती के बाद से 26 जुलाई की शाम 5 बजे तक आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट अस्थायी रूप से बंद रखने का निर्णय लिया है।
परंपरा के अनुसार हर साल होता है शृंगार अनुष्ठान
श्री श्याम मंदिर कमेटी ने जानकारी दी कि यह प्रक्रिया हर वर्ष नियमानुसार होती है। इसमें बाबा श्याम को पंचद्रव्यों से स्नान कराकर विशेष तिलक और शृंगार किया जाता है। पूरे अनुष्ठान में 8 से 12 घंटे का समय लगता है। इस दौरान मंदिर परिसर में प्रवेश केवल सीमित सेवकों और पुजारियों तक ही सीमित रहेगा।
भक्तों से संयम और सहयोग की अपील
मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि यह निर्णय पूरी परंपरा और धार्मिक विधि के अनुसार लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनावश्यक भ्रम से बचने के लिए पहले से ही सूचना दी जा रही है, जिससे भक्त अपने दर्शन की योजना उस अनुसार बना सकें।
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उनका कहना था, “जिन भक्तों की श्रद्धा बाबा श्याम में अटूट है, वे इस अस्थायी प्रतीक्षा को भी ईश्वर की सेवा का ही एक रूप मानेंगे।”

बाबा श्याम: त्याग और श्रद्धा का प्रतीक
बाबा श्याम को कलियुग के देवता और ‘हारे के सहारे’ के रूप में पूजा जाता है। उनकी कथा महाभारत से जुड़ी है, जहां बर्बरीक ने श्रीकृष्ण को अपना शीश दान कर दिया था। इस बलिदान से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि कलियुग में वे श्याम नाम से पूजे जाएंगे और हर पीड़ित का सहारा बनेंगे।
कमेटी की अपील
मंदिर प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से निवेदन किया है कि वे मंदिर की परंपराओं का सम्मान करें और दर्शन के लिए केवल तब ही आएं जब कपाट पुनः खोले जा चुके हों। मंदिर 26 जुलाई की शाम 5 बजे संध्या आरती के साथ आम भक्तों के लिए फिर से खुल जाएगा।
यह अनुष्ठान बाबा श्याम की सेवा और भक्ति की उस गहराई को दर्शाता है, जहां कुछ घंटों का इंतजार भी एक भक्त की आस्था को और मजबूत करता है।