

धनखड़ के इस्तीफे पर गहलोत का बड़ा आरोप, बोले- आरएसएस और बीजेपी चला रहे नया राजनीतिक खेल
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इसे देश में एक नया राजनीतिक घटनाक्रम बताते हुए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा है। गहलोत का कहना है कि धनखड़ का इस्तीफा सामान्य नहीं, बल्कि किसी दबाव या साजिश का परिणाम है।
गहलोत बोले- किसानों के मुद्दे उठाने की कीमत चुकानी पड़ी
अशोक गहलोत ने कहा, “धनखड़ जी संसद के अंदर और बाहर लगातार किसानों से जुड़े मुद्दे उठा रहे थे। उन्होंने एक बार तो संसद में कृषि मंत्री को भी साफ-साफ जवाब दिया था। मुझे तभी लग गया था कि वे और लोकसभा अध्यक्ष दोनों दबाव में काम कर रहे हैं। मैंने उस वक्त जोधपुर में यह बयान भी दिया था।”
“अब सच्चाई सामने आ गई”
गहलोत ने दावा किया कि उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना इस बात का संकेत है कि वे स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने कहा, “जो व्यक्ति अचानक इस्तीफा दे देता है, वह स्पष्ट रूप से किसी दबाव में होता है। अब सवाल यह है कि यह दबाव किसका था और क्यों था। इसकी सच्चाई प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ही जानते हैं।”
- Advertisement -

गहलोत का आरएसएस-बीजेपी पर सीधा हमला
गहलोत ने कहा, “दिन भर सदन चलता रहा, और शाम को अचानक इस्तीफा आ गया। यह सामान्य प्रक्रिया नहीं लगती। इससे साफ संकेत मिलता है कि कहीं न कहीं कोई नया राजनीतिक घटनाक्रम या रणनीति बन रही है, जिसमें आरएसएस और बीजेपी की भूमिका हो सकती है। क्या ये किसी बड़े राजनीतिक बदलाव की तैयारी है?”
व्यक्तिगत संबंध भी जताए, पर सवाल बरकरार
गहलोत ने यह भी जोड़ा कि उनके और धनखड़ के परिवार के बीच 50 साल से संबंध हैं, लेकिन उनका बयान पूरी तरह राजनीतिक है। “मैं निजी संबंधों की बात नहीं कर रहा, यह देश की लोकतांत्रिक प्रणाली और संवैधानिक पदों की स्वतंत्रता का मामला है,” गहलोत ने कहा।
निष्कर्ष:
अशोक गहलोत के इस बयान ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है। उन्होंने इसे न केवल एक व्यक्तिगत निर्णय बताया बल्कि इसके पीछे बीजेपी और आरएसएस की बड़ी साजिश की संभावना भी जताई है।