

हज यात्रा 2026: बदले नियम, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी
हज यात्रा 2026 के लिए केंद्रीय हज कमेटी, मुंबई ने नई गाइडलाइन जारी की है। इस बार कमेटी ने कई अहम बदलाव किए हैं जो खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करेंगे। यह नई पॉलिसी अगले वर्ष होने वाली हज यात्रा पर लागू होगी।
अब नहीं जा सकेंगे दोबारा हज पर
सबसे बड़ा बदलाव यह किया गया है कि अब कोई भी व्यक्ति दोबारा हज यात्रा पर नहीं जा सकेगा, यानी जिसने एक बार हज किया है, वह दोबारा आवेदन नहीं कर सकता। इससे नए आवेदकों को प्राथमिकता मिलेगी।
बुजुर्गों को सहयोगी जरूरी
65 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्ग अकेले हज यात्रा पर नहीं जा सकेंगे। उनके साथ 18 से 60 वर्ष की आयु का एक सहयोगी अनिवार्य होगा। यदि बुजुर्ग दंपती हैं, तो दोनों को अलग-अलग सहयोगी की आवश्यकता होगी। इससे बुजुर्गों के लिए यात्रा का खर्च भी बढ़ेगा।
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बच्चों और बीमारियों को लेकर सख्ती
12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को हज यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, जिन व्यक्तियों को कैंसर, टीबी, श्वसन रोग, किडनी संबंधी बीमारी या अन्य संक्रामक रोग हैं, उनके आवेदन खारिज किए जाएंगे।
महिलाओं के लिए संशोधित नियम
बिना महरम हज पर जाने वाली 65 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं यदि यात्रा करना चाहें, तो उन्हें 45 से 60 वर्ष की आयु की महिला सहयोगी के साथ ही यात्रा करनी होगी। वहीं, 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं चार सदस्यीय महिला समूह बनाकर हज पर जा सकेंगी।

पासपोर्ट संबंधी दिशा-निर्देश
हज यात्रा के लिए अब केवल मशीन रीडेबल पासपोर्ट मान्य होंगे। हस्तलिखित पासपोर्ट स्वीकार नहीं किए जाएंगे। पासपोर्ट की वैधता 31 दिसंबर 2026 तक होना आवश्यक है।
शॉर्ट टर्म हज का विकल्प
नई नीति में 40 दिवसीय पारंपरिक यात्रा के अलावा अब 20 दिन की शॉर्ट टर्म हज यात्रा का विकल्प भी जोड़ा गया है। हालांकि, इस यात्रा की सीटें सीमित होंगी और खर्च अधिक हो सकता है।
राज्य हज कमेटी में नेतृत्व संकट
राजस्थान सहित कई राज्यों में हज कमेटियों के चेयरमैन का पद रिक्त है। राजस्थान हज वेलफेयर सोसायटी के महासचिव हाजी निजामुद्दीन ने इस पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि चेयरमैन की नियुक्ति न होने के कारण आवेदकों को मार्गदर्शन और प्रक्रिया में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
हाजियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की मांग
हज ट्रेनर और पूर्व संयोजक मोहमद अय्यूब डायर ने सुझाव दिया है कि उदयपुर को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किया जाए ताकि हाजियों को यात्रा के लिए अन्य शहरों में न जाना पड़े। साथ ही, सरकार को चाहिए कि हाजियों के साथ जाने वाले लोग सिर्फ सरकारी कर्मचारी न हों, बल्कि वे हों जो पूरी प्रक्रिया में हाजियों की मदद कर सकें।