

नागौर में जनआक्रोश रैली के आगे झुकी सरकार, हनुमान बेनीवाल ने 17 घंटे बाद धरना किया समाप्त
नागौर। नागौर के पशु प्रदर्शनी स्थल पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) द्वारा आयोजित जनआक्रोश रैली 17 घंटे बाद मंगलवार देर रात समाप्त हो गई। पार्टी के प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने जिला कलेक्टर के आश्वासन के बाद धरना समाप्त करने की घोषणा की।
धरना सुबह 11 बजे शुरू हुआ और देर रात लगभग 2 बजे तक चला। इस दौरान बेनीवाल अपनी पत्नी, बेटे और बेटी के साथ धरना स्थल पर मौजूद रहे। रैली में हजारों समर्थक शामिल हुए। प्रारंभ में 8 मांगों को लेकर शुरू हुई यह रैली, बाद में बढ़कर 19 मांगों तक पहुंच गई।
प्रमुख मांगे और प्रशासन की सहमति:
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मेड़ता–पुष्कर रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा
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थार एक्सप्रेसवे सर्वे में पारदर्शिता
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फसल बीमा क्लेम का शीघ्र निस्तारण
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स्मार्ट मीटर उपभोक्ता की सहमति से ही लगाए जाएंगे
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बजरी लीज और खनन सर्वे की समीक्षा
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सीमेंट फैक्ट्रियों की पर्यावरण स्वीकृति पर जनसुनवाई
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खेजड़ी जैसे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक
इसके अतिरिक्त, डीआईजी स्तर से लंबित आपराधिक मामलों की दोबारा जांच, डीडवाना–कुचामन पुलिस को चोरी-नकबजनी की फाइलें सौंपने, तथा रियां बाड़ी के बजरी प्रकरण की जांच डीजीपी के निर्देशन में करने की सहमति दी गई।
अम्बुजा और जेएसडब्ल्यू सीमेंट फैक्ट्रियों से जुड़े आंदोलनों की भी समीक्षा और जनसुनवाई कराए जाने की बात कही गई।
प्रशासन की सक्रियता:
बेनीवाल की चेतावनी—अगर मांगे नहीं मानी गईं तो कलेक्ट्रेट कूच और फिर जयपुर में आंदोलन—के बाद प्रशासन हरकत में आया। जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित देर रात धरना स्थल पहुंचे और सभी मांगों पर सहमति जताई।
रैली को देखते हुए पूरे नागौर शहर में धारा 163 लागू कर दी गई थी। बाहर से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और सुबह 7 बजे से रात 3 बजे तक शहर में कड़ी निगरानी रही।
बेनीवाल का जनता को संदेश:
धरना समाप्त करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा,
“यह प्रशासन की नहीं, जनता की जीत है। आपने सात बार मुझे विधानसभा और लोकसभा में भेजा और आज फिर साबित कर दिया कि जनता की आवाज सबसे ऊंची होती है।”
यह जनआक्रोश रैली अब नागौर की राजनीति और किसानों के मुद्दों को नई दिशा देने वाली साबित हो सकती है।