

राजस्थान: बिना पूर्व सूचना बिजली कटने पर उपभोक्ताओं को मिल सकते हैं 500 रुपए प्रतिदिन
राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं को अब बिना पूर्व सूचना के बिजली बंद होने पर प्रतिदिन 500 रुपए तक की क्षतिपूर्ति मिल सकती है। यह प्रावधान केन्द्र सरकार के उपभोक्ता अधिकार नियम-2020 के अंतर्गत किया गया है, जो डिस्कॉम द्वारा बिजली आपूर्ति में लापरवाही पर लागू होता है।
नियमों की अनदेखी, सूचना देर से मिल रही
जयपुर डिस्कॉम के फील्ड इंजीनियर डिस्ट्रीब्यूशन कोड-2003 और सेवा गुणवत्ता मापदंड-2021 (SOP) के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इन नियमों के अनुसार, यदि रख-रखाव के कारण बिजली सप्लाई रोकी जाती है, तो इसकी सूचना उपभोक्ताओं को कम से कम 24 घंटे पहले देना आवश्यक है।
लेकिन अधिकांश मामलों में यह सूचना उपभोक्ताओं को केवल कुछ घंटे पहले ही दी जाती है, जिससे घरों और बाजारों में परेशानी होती है। सुबह अखबार में बिजली बंद होने की सूचना पढ़कर ही लोग तैयार होते हैं, और तीन से चार घंटे तक घरों में अंधेरा रहता है। बच्चों के स्कूल और व्यापार पर इसका सीधा असर पड़ता है।
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500 रुपए प्रतिदिन की क्षतिपूर्ति का प्रावधान
यदि उपभोक्ता यह साबित कर देते हैं कि उन्हें बिना पूर्व सूचना के बिजली कटौती का सामना करना पड़ा है, तो वे संबंधित डिस्कॉम कार्यालय में क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सहायक अभियंता कार्यालय उपभोक्ताओं को आवश्यक फॉर्म भी उपलब्ध कराएगा।
एसओपी के तहत निर्धारित प्रावधान:
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बिजली बंद होने की सूचना उपभोक्ताओं को 24 घंटे पहले SMS या ईमेल से देना अनिवार्य।
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डिस्कॉम की वेबसाइट पर भी सूचना अपलोड करना जरूरी।
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पूर्व निर्धारित बिजली बंदी 7 घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए, और शाम 6 बजे तक सप्लाई बहाल करना अनिवार्य है।
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बिजली बंद केवल मंगलवार से शुक्रवार के बीच होनी चाहिए।
स्थानीय लोगों की नाराजगी
श्रीराम कॉलोनी विकास समिति, सोढाला के अध्यक्ष नारायण सिंह ने कहा, “अगर नियम हैं तो इंजीनियरों को पालन करना चाहिए। रोज सुबह अखबार पढ़कर हमें पता चलता है कि बिजली जाएगी, जो उपभोक्ताओं के साथ अन्याय है।”
डिस्कॉम का पक्ष
कॉमर्शियल अधीक्षण अभियंता दीप्ति माथुर ने बताया, “हम सेवा मापदंडों के तहत 24 घंटे पहले मोबाइल और ईमेल से सूचना देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने वाले हैं। इस संबंध में आईटी टीम के साथ बातचीत चल रही है।”
इस नई व्यवस्था के लागू होने से उपभोक्ताओं को समय पर सूचना मिलने की उम्मीद है और क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया भी पारदर्शी बन सकती है।