

सफाईकर्मियों की शिफ्टिंग और बैंक हड़ताल को लेकर दो मोर्चों पर विरोध प्रदर्शन
नगर निगम में कांग्रेस का धरना, वार्ड 51 के सफाईकर्मियों की वापसी की मांग
वार्ड नंबर 51 के सफाई कर्मचारियों को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने और सर्किल इंस्पेक्टर द्वारा वार्ड पार्षद की बात को अनसुना करने के विरोध में बी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आनंद सिंह सोढा ने नगर निगम कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरना दिया। धरने में बड़ी संख्या में कांग्रेसी पार्षद, पदाधिकारी, कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक शामिल हुए।
नगर निगम कार्यालय में उपायुक्त यशपाल आहूजा ने धरना दे रहे प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान यूथ कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सब्बीर अहमद, पूर्व नेता प्रतिपक्ष जावेद पडि़हार, महासचिव आजम अली, यूनुस अली, पार्षद मनोज जनागल, किशन तंवर, पार्षद सुनील गेधर, पार्षद जावेद खान, ताहिर खान उर्फ बाबा, वसीम फिरोज अब्बासी, सरदार अमरीक सिंह, संगठन महासचिव नितिन वत्सस, पूर्व पार्षद कुंभाराम, सुमेर सिंह चौहान, मनोज चौधरी, सुरेश वाल्मीकि, पूनम राम, मंडल अध्यक्ष अब्दुल रहमान, लोदरा बिश्नोई और भवानी शंकर कौशिक मौजूद रहे।
आनंद सिंह सोढा द्वारा सौंपे गए मांग पत्र पर उपायुक्त ने गंभीरता से संज्ञान लिया और आश्वासन दिया कि वार्ड 51 के 14 सफाई कर्मचारी अब अपने वार्ड से बाहर नहीं भेजे जाएंगे। उन्हें मुख्य सड़कों या सर्किट हाउस जैसी जगहों पर ड्यूटी नहीं दी जाएगी। साथ ही सर्किल इंस्पेक्टर द्वारा पार्षद की बात न मानने, ड्यूटी के दौरान फोन बंद रखने और कार्य में लापरवाही को गंभीर माना गया। संबंधित अधिकारी को तीन दिन में जवाब देने का नोटिस जारी किया गया है, और भविष्य में ऐसा व्यवहार दोहराने पर उसे वार्ड से बाहर हटाने की सहमति दी गई।
देशभर में बैंक हड़ताल, बीकानेर में ठप पड़ा बैंकिंग कामकाज
बुधवार को देशभर में बैंक कर्मचारी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। बीकानेर में भी इसका असर देखने को मिला, जहां अधिकांश बैंकों में कार्य पूरी तरह ठप रहा। आमजन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
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बैंक कर्मचारी दोपहर बाद जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और जोरदार नारेबाजी कर विरोध जताया। कर्मचारियों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियन के नेतृत्व में प्रधानमंत्री के नाम 11 सूत्रीय मांग पत्र जिला कलेक्टर को सौंपा। प्रमुख मांगों में चार श्रम संहिता (लेबर कोड) को रद्द करना, मजदूरों के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये प्रति माह निर्धारित करना, आउटसोर्सिंग बंद करना और पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करना शामिल है।
यह हड़ताल केंद्र सरकार की श्रमिक नीतियों के खिलाफ संगठित विरोध का हिस्सा है, जिसमें बैंक कर्मचारी देशव्यापी स्तर पर अपनी एकजुटता दिखा रहे हैं।