


आर्यन पब्लिक स्कूल ने रैली के माध्यम से दिया ‘‘एक छात्र-एक वृक्ष’’ का संदेश
बीकानेर – राष्ट्रीय वन महोत्सव के गौरवमयी अवसर पर आर्यन पब्लिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल, बीकानेर ने एक शानदार, सृजनात्मक और सामाजिक चेतना से परिपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस उपलक्ष्य में विद्यालय द्वारा ‘हरित जागरूकता रैली’ निकाली गई, जिसमें विद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर सम्पूर्ण बीकानेर शहर में पर्यावरण के प्रति जागरूकता का सशक्त संदेश दिया। यह आयोजन पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति विद्यार्थियों एवं आम जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया।
रैली का शुभारंभ प्रातः 8.00 बजे विद्यालय प्रांगण से हुआ, जहाँ छात्र-छात्राओं ने ‘‘पेड़ लगाओ – पृथ्वी बचाओ’’, ‘‘वन बचेंगे – जल बचेगा’’, ‘‘प्रकृति की रक्षा, हमारी संस्कृति की अभिव्यक्ति’’, ‘‘एक पेड़ – सौ दुआएं’’ जैसे ओजस्वी नारों से वातावरण को जागृत कर दिया। छात्र-छात्राओं ने हाथों में रंग-बिरंगी स्लोगन पट्टिकाएं, आकर्षक पोस्टर, चित्रकारी वाले बैनर और कई ने वृक्ष, जल एवं धरती माता की वेशभूषा में शामिल होकर जनमानस को हतप्रभ कर दिया। रैली मार्ग में स्थानीय नागरिकों ने करतल ध्वनि से स्वागत करते हुए बच्चों के प्रयासों को सराहा। रैली स्थानीय मार्गों से होती हुई विभिन्न मोहल्लों से गुजरी, जिसमें छात्रों ने पर्यावरणीय जागरूकता से संबंधित गीत भी प्रस्तुत किए। रैली का मार्गदर्शन विद्यालय शिक्षकों, स्टाफ सदस्यों एवं स्वयंसेवकों द्वारा किया गया।
विद्यालय प्रबंध समिति के चेयरमैन श्री रामजी व्यास ने हरी झंडी दिखाते हुए रैली को रवाना किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति ही सच्चा शिक्षक है। इस रैली के माध्यम से हमारे विद्यार्थियों ने न केवल पाठ्यक्रम से बाहर जाकर सीखा, बल्कि समाज को भी सिखाया कि वनों की रक्षा कोई वैकल्पिक कार्य नहीं, बल्कि एक दायित्व है। हमें केवल पौधे नहीं लगाने, बल्कि उन्हें पालने का भी संकल्प लेना होगा। विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री मुकेश व्यास ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय वन महोत्सव केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि हमें प्रकृति से जोड़ने वाला जीवंत अवसर है। हमारे छात्र आज जिस तरह उत्साह से भाग ले रहे हैं, वह भविष्य के लिए आशा की किरण है। हमें चाहिए कि हर विद्यार्थी एक श्ग्रीन एंबेसडरश् बने और पर्यावरण सुरक्षा को अपनी आदत में शामिल करे।
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शाला प्रभारी श्रीमती अपूर्वा व्यास ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वन हमारे जीवन के आधार हैं- शुद्ध वायु, जल, औषधियाँ, छाया, फल-फूल सभी हमें पेड़ों से प्राप्त होते हैं। जब एक बच्चा वृक्षों के महत्व को समझता है, तो वह न केवल प्रकृति को समझता है, बल्कि जीवन का मूल्य भी जानता है। शाला की व्यवस्थापिका श्रीमती ज्योति कल्ला ने कहा कि हमारे विद्यार्थी भावी नागरिक हैं और यदि आज उनमें प्रकृति के प्रति संवेदना जागृत हो रही है, तो वह आने वाले भारत की हरित गाथा का संकेत है। यह रैली हमारे विद्यार्थियों की संकल्पशक्ति और जागरूक सोच का प्रमाण है। शाला के श्री हरिप्रसाद व्यास ने कहा कि हमारी यह रैली केवल विद्यालय परिसर तक सीमित नहीं है, इसका प्रभाव समाज तक पहुँचना चाहिए। बच्चों द्वारा दी गई ये आवाज़ें, ये स्लोगन – हर किसी के अंतर्मन को झकझोरें और उन्हें हर वर्ष कम से कम एक पौधा अवश्य लगाने की प्रेरणा दें।

रैली के दौरान विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित पोस्टर, चित्रकारी एवं पर्यावरणीय नारे विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। कई छात्रों ने वृक्षों की वेशभूषा में प्रतिभाग कर संदेश को और अधिक सजीव रूप में प्रस्तुत किया। शिक्षकों एवं अभिभावकों ने भी इस प्रयास की सराहना की। रैली के पश्चात विद्यालय प्रांगण में लघु नाटिका, कवितापाठ, भाषण प्रतियोगिता, और एक विशेष ‘ग्रीन फैशन शो’ का आयोजन भी किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने पर्यावरण थीम पर आधारित वेशभूषा और संदेशों के साथ प्रस्तुतियाँ दीं। ‘‘पेड़ों की आत्मकथा’’, ‘‘धरती की पुकार’’ जैसे कार्यक्रमों ने सभी उपस्थित जनों को भाव-विभोर कर दिया।
रैली में भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने स्थानीय दुकानदारों, राहगीरों और निवासियों को हस्तनिर्मित पर्यावरणीय स्टिकर, पौधों के बीज और सूती थैले भी वितरित किए। इस पहल से कार्यक्रम न केवल विद्यालय तक सीमित रहा, बल्कि शहर के नागरिकों तक सीधा संवाद बना। विद्यालय प्रबंधन ने घोषणा की कि आगामी माह में ‘‘एक छात्र – एक वृक्ष’’ कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी, जिसके तहत प्रत्येक छात्र कम से कम एक पौधा रोपेगा, उसकी देखरेख करेगा और उसकी वृद्धि की रिपोर्ट तैयार करेगा। इसके अलावा एक स्थायी ग्रीन कॉर्नर विद्यालय परिसर में विकसित किया जाएगा।
कार्यक्रम का समापन शाला प्रभारी द्वारा सभी अतिथियों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्र-छात्राओं एवं समस्त विद्यालय परिवार को आभार प्रकट करते हुए हुआ। उन्होंने कहा कि आज की यह रैली केवल एक आयोजन नहीं थी, यह एक हरित आंदोलन की शुरुआत है, जिसे हमारे विद्यार्थियों ने अपने उत्साह, ऊर्जा और प्रतिबद्धता से साकार किया।