


अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, एनएच-44 पर बढ़ी निगरानी और K-9 दस्ते तैनात
श्री अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। यात्रा तीन जुलाई से बालटाल और पहलगाम मार्गों से शुरू होने जा रही है। इससे पहले सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में संवेदनशील इलाकों में चौकसी और निगरानी कड़ी कर दी है। खासतौर पर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने पेट्रोलिंग बढ़ा दी है और कुत्तों की विशेष के-9 टीमों को भी तैनात किया गया है।
पहले जत्थे की रवानगी दो जुलाई से
जम्मू के भगवती नगर यात्रा आधार शिविर से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 2 जुलाई को रवाना होगा। यह जत्था अगले दिन बालटाल और पहलगाम मार्गों पर यात्रा की शुरुआत करेगा। प्रशासन ने सभी यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
यात्रियों की सुविधा के लिए व्यापक तैयारियां
कमिश्नर रमेश कुमार ने बताया कि भगवती नगर शिविर में एसी हॉल, मोबाइल शौचालय, सामुदायिक लंगर, पेयजल और बिजली की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कठुआ, सांबा, उधमपुर और रामबन जिलों में यात्रियों के ठहराव के लिए भी ऐसी ही सुविधाएं तैयार की गई हैं। जम्मू से रामबन तक के मार्ग पर कुल 52 लंगर और 60 आरएफआईडी केंद्र बनाए गए हैं।
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ऑफलाइन पंजीकरण एक जुलाई से
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद अब 1 जुलाई से यात्रियों के लिए ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। सभी यात्रियों को सड़क मार्ग से भेजा जाएगा, क्योंकि यात्रा के लिए रेलवे से अनुमति नहीं दी गई है।

सुरक्षा में कोई कोताही नहीं
सीआरपीएफ की टीमें विशेष रूप से उधमपुर सेक्टर जैसे संवेदनशील हिस्सों में निगरानी कर रही हैं। के-9 दस्ते, बम डिस्पोजल यूनिट और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है ताकि यात्रा में कोई बाधा न आए।
यात्रा नियंत्रण कक्ष से मिलेगी हर जानकारी
यात्रियों को यात्रा मार्ग, पंजीकरण और अन्य व्यवस्थाओं से जुड़ी हर जानकारी नियंत्रण कक्ष के माध्यम से दी जाएगी।
सरकार और प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट संदेश है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और यात्रा को शांतिपूर्ण व सुरक्षित बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं।