


बीजेपी को जल्द मिल सकता है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, कई नामों पर चर्चा तेज
भारतीय जनता पार्टी को 21 जुलाई से पहले नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले पार्टी इस अहम बदलाव को अंतिम रूप देना चाहती है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और तेलंगाना समेत पांच प्रमुख राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष घोषित किए जाएंगे। इसके बाद दो दिवसीय चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी की जाएगी। आमतौर पर यह चुनाव सर्वसम्मति से होता है, ऐसे में एक ही नामांकन की परंपरा बनी रह सकती है।
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को पूर्ण बहुमत न मिलने के पीछे कुछ सामाजिक वर्गों, विशेषकर ओबीसी और दलित समुदाय के एक हिस्से की उदासीनता को अहम कारण माना गया है। पार्टी के रणनीतिकारों के बीच इस बात पर गंभीर चर्चा हुई है कि क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी किसी ओबीसी नेता को दी जानी चाहिए।
हालांकि, कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं ओबीसी वर्ग से आते हैं और संगठन का नेतृत्व भी उसी वर्ग को देने से सामाजिक संतुलन गड़बड़ा सकता है। लेकिन यह तर्क भी सामने आया कि मोदी को वोट जाति नहीं, बल्कि उनके सुशासन और मजबूत नेतृत्व के आधार पर मिलते हैं। अप्रैल में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा के बाद पार्टी पर ओबीसी अध्यक्ष बनाने का दबाव कुछ कम हुआ है।
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संघ और पार्टी के बीच इस विषय पर गहन मंथन चल रहा है कि नया अध्यक्ष किस सामाजिक वर्ग और क्षेत्रीय पृष्ठभूमि से हो। दक्षिण भारत से अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना पर फिलहाल विराम लगता दिख रहा है क्योंकि संगठन महामंत्री, युवा मोर्चा, ओबीसी मोर्चा और महिला मोर्चा में पहले से ही दक्षिण भारत के चेहरे नेतृत्व में हैं।
अभी तक कोई नाम तय नहीं
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, भले ही मीडिया में कई नामों की चर्चा हो रही है, लेकिन अब तक पार्टी के भीतर किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी है। संभावित नामों पर मंथन जरूर हुआ है, लेकिन तीन नामों का कोई पैनल भी तय नहीं हुआ है। इतना जरूर तय माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव नए अध्यक्ष के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।

संभावित दावेदार
1. शिवराज सिंह चौहान:
पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे प्रमुख दावेदारों में है। वे छह बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और पार्टी संगठन में गहरी पकड़ रखते हैं। ओबीसी समुदाय से आने वाले शिवराज के संघ के साथ भी अच्छे संबंध हैं।
2. सुनील बंसल:
उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना और बंगाल में पार्टी के संगठनात्मक कार्य में बड़ी भूमिका निभाने वाले बंसल को भी प्रमुख दावेदारों में गिना जा रहा है। आरएसएस से उनका जुड़ाव भी मजबूत है।
3. धर्मेंद्र प्रधान:
ओडिशा से आने वाले और मौजूदा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी अध्यक्ष पद की रेस में हैं। ओबीसी समुदाय से आने वाले प्रधान को प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है।
दक्षिण भारत से भी नाम चर्चा में
तमिलनाडु से वानति श्रीनिवासन और तमिलिसाई सौंदर्यराजन तथा आंध्र प्रदेश से डी. पुरंदेश्वरी के नाम भी चर्चा में हैं। पार्टी दक्षिण भारत में अपने विस्तार की रणनीति के तहत इन नामों पर विचार कर सकती है, लेकिन मौजूदा संगठनात्मक समीकरण इस संभावना को सीमित करते हैं।
अब देखना यह होगा कि पार्टी नेतृत्व किस नाम पर मुहर लगाता है और नया अध्यक्ष संगठन को किस दिशा में आगे ले जाता है।