


पीबीएम अस्पताल की छत पर मौत के तार, रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल से बिगड़े हालात
बीकानेर। उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज में करंट लगने से एक डॉक्टर की मौत के बावजूद बीकानेर के पीबीएम अस्पताल प्रशासन ने अब तक कोई ठोस सबक नहीं लिया है। पिछले दो दिनों से अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश के मौसम की दस्तक के साथ ही अस्पताल की छतों पर बेतरतीब और खुले पड़े हाई वोल्टेज तार अब जानलेवा खतरा बनते जा रहे हैं। छतों पर फैले कचरे और तारों के इस जाल में ज़रा सी लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
गुरुवार दोपहर एक सफाई कर्मचारी बाल-बाल बचा जब उसका झाड़ू तारों से टकरा गया और जोरदार धमाके के साथ चिंगारियां उठीं। गनीमत रही कि वह लकड़ी के डंडे से झाड़ू लगा रहा था और दूरी पर था, वरना उसकी जान भी जा सकती थी।
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अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र वर्मा को जब घटना की सूचना दी गई तो वे मौके पर पहुंचे और कुछ हद तक तार हटाने का कार्य शुरू करवाया गया। हालांकि अस्पताल के कई अन्य वार्डों की छतों पर भी हालात इससे अलग नहीं हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के मौसम में यदि छतों पर पानी जमा हुआ और वह इन तारों के संपर्क में आया, तो पूरी बिल्डिंग में करंट फैल सकता है, जिससे मरीजों, स्टाफ और तीमारदारों की जान खतरे में पड़ सकती है।
फिलहाल अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है। ऐसे में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल भी जारी है और अस्पताल में सुरक्षा के गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
जरूरत है कि पीबीएम अस्पताल प्रशासन बिजली लाइनों की तत्काल जांच, मरम्मत और व्यवस्थित व्यवस्था सुनिश्चित करे ताकि किसी अनहोनी से पहले जानें सुरक्षित की जा सकें।