


सेना के 48 जवानों से 5 करोड़ की ठगी, फर्जी कैप्टन गिरफ्तार
बीकानेर। सेना के जवानों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बीकानेर पुलिस की कार्रवाई में खुलासा हुआ है कि देशभर के 48 सैनिकों को लोन और सब्सिडी का झांसा देकर करीब 5 करोड़ रुपये की ठगी की गई। इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाला कोई आम ठग नहीं, बल्कि आर्मी का भगोड़ा क्लर्क है, जो खुद को आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (AGIF) का कैप्टन बताकर जवानों को झांसे में लेता रहा।
पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर सागर गुलेरिया नामक आरोपी को अंबाला जेल से बीकानेर लाकर गिरफ्तार किया है। आरोपी हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का रहने वाला है और आर्मी में क्लर्क के पद पर काम कर चुका है। उसकी पोस्टिंग असम, जोधपुर, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में रह चुकी है।
ऐसे फंसाया जवानों को जाल में
सागर ने राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में तैनात सैनिकों से संपर्क किया। खुद को AGIF का कैप्टन बताते हुए उसने कहा कि वह बैंकों से लोन दिलवा सकता है और उस लोन पर 60-70% सब्सिडी भी मिलेगी। इसी झांसे में आकर 48 जवानों ने PNB, SBI जैसे बैंकों से लोन लिया, जिनकी कुल राशि करीब 5 करोड़ रुपये रही।
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बैंक डिटेल्स लेकर उड़ा रकम
सागर ने सब्सिडी दिलाने के नाम पर जवानों से OTP, बैंक यूजर ID और पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारी ली। इसके बाद लोन की पूरी राशि अपने खातों में ट्रांसफर करवा ली। शुरू में वह कॉल और व्हाट्सएप पर जवानों से संपर्क में रहा, लेकिन जैसे ही संदेह गहराया, उसने सभी से संपर्क तोड़ दिया और फरार हो गया।

बीकानेर के दो जवान भी हुए शिकार
बीकानेर में तैनात दो सैनिक – मोहित कुमार (होशियारपुर, पंजाब) और मृण्मय पांडा भी ठगी का शिकार हुए। दोनों को 14-14 लाख रुपये के लोन दिलवाए गए, जो सीधे सागर के खातों में भेज दिए गए। जवानों की शिकायत पर 17 जून को बीकानेर के सदर थाना में मामला दर्ज किया गया।
आरोपी पर दर्ज हैं कई केस
सागर के खिलाफ राजस्थान के बीकानेर, हरियाणा के पंचकूला और हिमाचल के डेरा जिलों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। बीकानेर पुलिस ने उसे 21 जून को अंबाला जेल से लाकर दो दिन के रिमांड पर लिया और पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि सागर के इस ठगी नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हैं और क्या यह गैंग किसी बड़े रैकेट का हिस्सा है।
मामला सिर्फ ठगी का नहीं, बल्कि सेना के भरोसे के साथ गद्दारी का भी है।