


ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद पायलट का खुलासा – ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा
इज़रायल और ईरान के बीच करीब 12 दिनों तक चले युद्ध में सबसे निर्णायक मोड़ तब आया जब अमेरिका ने हस्तक्षेप करते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। अब इस हमले में शामिल एक अमेरिकी पायलट ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उसने ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा।
तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर बमबारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों—फोर्डो, नतांज़ और इस्फहान—पर हमला किया। इस हमले में अत्याधुनिक बी-2 बॉम्बर विमानों का उपयोग किया गया। वायुसेना ने इन ठिकानों को नष्ट करने के लिए बंकर बस्टर बमों का प्रयोग किया, जो गहराई में बने सुरंगनुमा बंकरों तक तबाही पहुंचाने में सक्षम होते हैं।
ऑपरेशन मिडनाइट हैमर
इस सैन्य कार्रवाई को “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” नाम दिया गया था और इसे पूरी तरह गोपनीय रखा गया। संयुक्त सेनाध्यक्ष जनरल डैन कैन के अनुसार, इस मिशन में शामिल एक पायलट ने बताया, “जब हमने फोर्डो साइट को निशाना बनाया, तो उसके बाद का धमाका इतना चमकदार और तेज़ था कि मेरी आंखें चकाचौंध हो गईं। मैंने अपने करियर में ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा था। यह एक ऐसा क्षण था जिसे मैं जीवनभर नहीं भूल पाऊंगा।”
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ईरान का पलटवार और प्रतिक्रिया
हालांकि अमेरिका ने दावा किया कि उसके हमले में ईरान के तीनों परमाणु ठिकाने पूरी तरह तबाह हो गए हैं, लेकिन ईरानी प्रशासन ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि उनकी साइट्स को नुकसान अवश्य पहुंचा है, लेकिन वे पूरी तरह नष्ट नहीं हुईं।
सीज़फायर लागू, लेकिन तनाव बरकरार
फिलहाल दोनों देशों के बीच संघर्षविराम लागू हो चुका है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के हमले के बाद इस क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह हमला मध्य-पूर्व की स्थिरता के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है और वैश्विक राजनीति में नए समीकरण बना सकता है।
सवाल उठते हैं
क्या यह अमेरिकी हस्तक्षेप युद्ध को जल्द खत्म करने के लिए था, या इसके पीछे कोई दीर्घकालिक रणनीति है? क्या इससे परमाणु स्थलों की सुरक्षा को लेकर नई वैश्विक बहस शुरू होगी? ये वे प्रश्न हैं जिनके उत्तर आने वाले दिनों में स्पष्ट होंगे।