


आपातकाल की 50वीं बरसी पर बीजेपी का ‘संविधान हत्या दिवस’ अभियान, देशभर में जागरूकता कार्यक्रम
भारतीय जनता पार्टी (BJP) आज, 25 जून 2025 को, 1975 में लागू आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रही है। पार्टी इसे भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय मानती है। इस अवसर पर केंद्र सरकार और बीजेपी संगठन की ओर से देशभर में विशेष कार्यक्रम और अभियान चलाए जा रहे हैं।
त्यागराज स्टेडियम में केंद्रीय आयोजन
दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में एक प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसे केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हो रहे हैं। आयोजन में आपातकाल के दौरान हुए दमन, प्रेस सेंसरशिप और नागरिक स्वतंत्रता के हनन को याद किया गया।
हर जिले और बूथ पर कार्यक्रम
बीजेपी ने घोषणा की है कि देश के प्रत्येक जिले और बूथ स्तर तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन आयोजनों में चित्र प्रदर्शनियां, संगोष्ठियां, कार्यशालाएं और लोकतंत्र विषयक सम्मेलन शामिल हैं। इनका उद्देश्य नई पीढ़ी को आपातकाल की सच्चाई से अवगत कराना है।
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लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान
उन नेताओं और नागरिकों को सम्मानित किया जा रहा है जिन्होंने आपातकाल के दौरान गिरफ्तारी और दमन झेला था। उदाहरणस्वरूप, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 26 जून को अपने आवास पर लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करेंगे और एक पुस्तिका का विमोचन करेंगे।
शिक्षण संस्थानों में प्रतियोगिताएं
बीजेपी ने स्कूलों और कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित करने का निर्णय लिया है ताकि छात्रों को आपातकाल के घटनाक्रम और उसके प्रभावों की जानकारी मिल सके।
प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा, “आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, आपातकाल लागू होने के 50 साल पूरे हो गए हैं। भारत की जनता इस दिन को संविधान की हत्या के रूप में याद करती है।”
गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ‘अन्यायकाल’ बताते हुए कांग्रेस की सत्ता की भूख का प्रतीक कहा। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर संविधान की हत्या की थी।”
‘The Emergency Diaries’ chronicles my journey during the Emergency years. It brought back many memories from that time.
I call upon all those who remember those dark days of the Emergency or those whose families suffered during that time to share their experiences on social…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2025
आपातकाल: एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
25 जून 1975 की रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आंतरिक अशांति का हवाला देकर आपातकाल लागू कर दिया था। यह अवधि 21 मार्च 1977 तक चली। इस दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगी, और हजारों विपक्षी नेताओं को जेल में डाला गया।
बीजेपी का कहना है कि यह भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सबसे क्रूर हमला था।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विरोध
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह खुद संविधान का अपमान है और बीजेपी को अपने कर्मों की ओर भी देखना चाहिए।
कांग्रेस पार्टी ने ग्वालियर में ‘संविधान सत्याग्रह’ आयोजित कर इसका जवाब देने की कोशिश की है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी वर्तमान में भी संविधान के सिद्धांतों को कमजोर कर रही है।
एक साल लंबा जागरूकता अभियान
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के निर्देशानुसार, 25 जून 2025 से एक वर्ष तक देशभर में संविधान और लोकतंत्र की रक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य न केवल आपातकाल को याद करना है, बल्कि मौजूदा दौर में भी लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देना है।