


रेलवे अंडरपास में जलभराव से राहत के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे की विशेष पहल
बीकानेर। उत्तर पश्चिम रेलवे ने मानसून के दौरान रेलवे अंडरपास में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए विशेष तकनीकी और प्रशासनिक उपाय किए हैं। इन उपायों का उद्देश्य यात्री सुविधा बढ़ाना और किसी भी संभावित दुर्घटना को रोकना है। रेलवे की यह पहल विशेषकर उन क्षेत्रों में लागू की गई है जहां अंडरपास या सबवे अक्सर बारिश के समय जलमग्न हो जाते हैं।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने बताया कि महाप्रबंधक अमिताभ द्वारा हाल ही में आयोजित संरक्षा बैठक में निर्देश दिए गए कि मानसून के दौरान जलभराव को रोकने हेतु व्यापक और प्रभावी इंतजाम किए जाएं। इसके तहत रोड अंडर ब्रिजों में पानी जाने से रोकने के लिए निर्माण कार्य कराए गए हैं और पुराने जल पुनर्भरण कुओं की सफाई कर उन्हें गहरा किया गया है।
रेलवे ने 167 अंडरपास में पंप लगाए हैं, ताकि जलभराव की स्थिति में पानी को तुरंत निकाला जा सके। इसके अतिरिक्त, अत्यधिक वर्षा या जलमग्न स्थिति में यातायात को नियंत्रित करने हेतु 328 स्थायी चौकीदारों की नियुक्ति की गई है।
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सड़क यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अंडरपास में जलस्तर की माप के लिए मार्किंग की गई है और खतरनाक स्तर की जानकारी देने वाली चेतावनी भी लगाई गई है। साथ ही, सभी अंडरपास पर सूचना बोर्ड लगाए गए हैं जिन पर यह लिखा गया है कि जलभराव की स्थिति में रेलवे को तुरंत सूचित करें।
रेलवे ने स्थानीय निकायों और पंचायतों से भी समन्वय स्थापित किया है ताकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों से बहने वाले पानी को अंडरपास में आने से रोका जा सके। इस पूरी व्यवस्था को लागू करने और जलनिकासी तंत्र को मजबूत बनाने हेतु उत्तर पश्चिम रेलवे ने वर्ष 2024-25 में ₹18.32 करोड़ की राशि खर्च की है।