


डायल ##21# से कॉल फॉरवर्डिंग चाल, बैंक खाता हो सकता है खाली
जयपुर। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को एक नई और खतरनाक साइबर ठगी के तरीके से सावधान रहने की सलाह दी है। “कूरियर डिलीवरी” या “प्रोडक्ट पार्सल” के नाम पर अब साइबर अपराधी ‘कॉल फॉरवर्डिंग’ तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं, जिससे पीड़ितों के बैंक खाते मिनटों में खाली हो रहे हैं।
कैसे होती है यह ठगी:
साइबर अपराधी खुद को किसी प्रतिष्ठित कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताकर फोन या व्हाट्सएप के ज़रिए संपर्क करते हैं। वे कहते हैं कि आपकी एक डिलीवरी है और उसे पाने के लिए आपको एक विशेष नंबर डायल करना होगा — जैसे ##21# या अन्य USSD कोड।
जैसे ही व्यक्ति यह कोड डायल करता है, उसके मोबाइल की इनकमिंग कॉल्स किसी अन्य नंबर पर फॉरवर्ड हो जाती हैं। इसका मतलब यह है कि ओटीपी सहित सभी कॉल्स अपराधी को मिलने लगती हैं। फिर वे या तो बैंक खातों में सेंध लगाते हैं या UPI लिंक भेजकर पैसे ठग लेते हैं।
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क्यों है यह तरीका खतरनाक:
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OTP कॉल्स अपराधी को फॉरवर्ड हो जाती हैं
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मोबाइल यूज़र को इसकी भनक तक नहीं लगती
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ठग वाकई डिलीवरी जैसी स्थिति का फायदा उठाते हैं
क्या करें बचाव के लिए:
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कोई संदिग्ध नंबर डायल न करें – चाहे वह ##21# हो या अन्य कोई कोड।
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ओटीपी कभी साझा न करें – किसी भी अनजान डिलीवरी एजेंट को ओटीपी न बताएं जब तक आप उसकी सत्यता की पुष्टि न कर लें।
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कॉल फॉरवर्डिंग की स्थिति जांचें – अपने फोन में कॉल फॉरवर्डिंग डीएक्टिवेट करने के लिए ##002# डायल करें।
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डिलीवरी के विवरण की पुष्टि करें – केवल उसी पार्सल को स्वीकार करें जिसकी जानकारी पहले से हो।
अगर बन जाएं शिकार तो क्या करें:
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तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें
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www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें
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नजदीकी पुलिस थाने या साइबर सेल को सूचित करें
साइबर अपराध से निपटने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। राजस्थान पुलिस ने सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे इस चेतावनी को अपने परिचितों तक भी पहुंचाएं ताकि अधिक से अधिक लोग सतर्क रह सकें।