


कनानास्किस (कनाडा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर 35 मिनट तक बातचीत की। इस दौरान उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि आतंकवाद को अब भारत “प्रॉक्सी वॉर” नहीं, बल्कि “युद्ध” की तरह देखता है। पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ पाकिस्तान के स्पष्ट अनुरोध पर रोका गया था, न कि अमेरिका की किसी मध्यस्थता या व्यापारिक प्रस्ताव के चलते।
आतंकी ठिकानों पर सीधी कार्रवाई
पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक और सीमित सैन्य कार्रवाई की थी। वहीं, 9-10 मई की रात पाकिस्तान की जवाबी सैन्य गतिविधियों के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत उनकी सैन्य संरचनाओं पर गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिससे पाकिस्तान के कई एयरबेस निष्क्रिय हो गए।
तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं करेगा भारत
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से साफ कहा कि भारत-पाकिस्तान मामले में अमेरिका या किसी अन्य देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की गई है और न ही भविष्य में की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान व्यापार से संबंधित कोई चर्चा नहीं हुई और सैन्य निर्णय भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा संवाद चैनलों के तहत लिए गए।
‘ऑपरेशन सिंदूर जारी है’
पीएम मोदी ने ट्रंप को यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है और भारत की नीति स्पष्ट है — पाकिस्तान की गोलियों का जवाब अब तोपों से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को एक पूर्ण युद्ध मानते हुए उसी स्तर की प्रतिक्रिया देगा।
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पाकिस्तान को चेतावनी
मोदी ने कहा कि 9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें फोन कर पाकिस्तान के संभावित हमले की जानकारी दी थी, जिस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि ऐसा होता है तो भारत उससे भी बड़ी कार्रवाई करेगा।

ट्रंप को क्वाड सम्मेलन का निमंत्रण
ट्रंप ने पीएम मोदी को कनाडा से लौटते समय अमेरिका आने का आमंत्रण दिया, जिसे प्रधानमंत्री ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण अस्वीकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने ट्रंप को साल के अंत में संभावित क्वाड सम्मेलन के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया।
ईरान-इस्राइल और रूस-यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा
बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने ईरान-इस्राइल और रूस-यूक्रेन संघर्ष की भी चर्चा की। पीएम मोदी और ट्रंप ने माना कि इन क्षेत्रों में शांति स्थापना के लिए बातचीत और कूटनीति आवश्यक है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थायित्व के लिए क्वाड की भूमिका पर भी सहमति जताई गई।
यह वार्ता आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति और रणनीतिक स्पष्टता को दर्शाती है, जिसमें कोई भ्रम या संकोच नहीं है।