नई दिल्ली: भारत में 16वीं जनगणना और जातिगत गणना कराने की आधिकारिक अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी गई। इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी, जिसमें 35 लाख से अधिक कर्मी मोबाइल एप के माध्यम से डेटा एकत्र करेंगे। यह एप 16 भाषाओं में उपलब्ध होगा, जिससे जनगणना प्रक्रिया में अधिक सुगमता आएगी।
केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि भारत की जनसंख्या की गणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी। इसके लिए राजपत्र अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की थी और अधिकारियों के साथ बैठक की थी। गृह मंत्री ने सोशल मीडिया पर बताया कि इस बार जाति गणना भी की जाएगी और इसके लिए 34 लाख गणक और सुपरवाइजर कार्य करेंगे, जिनके पास आधुनिक डिजिटल उपकरण होंगे।
जनगणना दो चरणों में होगी। पहले चरण में मकान सूचीकरण और मकानों की गणना (एचएलओ) होगी, जिसमें प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति और सुविधाओं का विवरण लिया जाएगा। दूसरे चरण में जनसंख्या गणना होगी, जिसमें हर व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक जानकारी एकत्र की जाएगी।
यह जनगणना स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना होगी, और इसका डिजिटल रूप में संचालन किया जाएगा। इसके अलावा, नागरिकों के लिए स्व-गणना (सेल्फ-एन्यूमरेशन) की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। डाटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, डेटा के संग्रहण, संचरण और भंडारण के दौरान कड़े सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।